कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद मैं अपने करियर को लेकर बहुत ही चिंतित था लेकिन मेरी चिंता उस वक्त दूर हो गई जब मेरी जॉब लग गई। मेरी अब जॉब लग चुकी थी और हर महीने मुझे तनख्वा मिलती तो मैं काफी खुश होता और पापा भी काफी खुश थे।
मेरी जॉब को एक साल हो चुका था और मुझे समय का पता ही नहीं चला की कब समय इतनी तेजी से निकलता चला गया। मेरी जॉब को एक साल हो जाने के बाद मैंने फैसला किया कि मैं किसी और कंपनी में जॉब के लिए ट्राई करूंगा तो मैंने भी दूसरी कंपनी में जॉब के लिए ट्राई करना शुरू कर दिया।
जब मैंने दूसरी कंपनी में जॉब के लिए ट्राई किया तो मेरी एक अच्छी कंपनी में जॉब लग गई और वहां पर मेरी जॉब लगने के बाद मैंने ऑफिस ज्वाइन किया। मेरे ऑफिस का पहला ही दिन था जब मैं ऑफिस पहुंचा तो पहले ही दिन मेरी मुलाकात महिमा से हुई महिमा मेरे सामने वाले डेस्क में ही बैठी हुई थी और जब मेरी महिमा से बात हुई तो मुझे महिमा से बात करके अच्छा लगा।
हम दोनों को एक दूसरे से बातें करना अच्छा लगने लगा महिमा और मैं एक दूसरे के साथ ज्यादा समय बिताने की कोशिश करते। मुझे महिमा के बारे में पूरी बात पता नहीं थी और मैं महिमा पर ज्यादा ही भरोसा कर बैठा था और मैं महिमा से प्यार भी करने लगा था परन्तु ना तो मेरी तरफ से इस बात को लेकर कोई पहल हुई थी और ना ही महिमा ने अपने दिल की बात मुझे कही थी।
जब एक दिन महिमा ने मुझे अपने दिल की बात कही तो मैंने भी महिमा से कहा कि मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूं। मेरे और महिमा के बीच रिलेशन चलने लगा था हम दोनों का रिलेशन बहुत ही अच्छे से चल रहा था लेकिन मुझे अभी तक पता नहीं था कि महिमा की शादी पहले हो चुकी है।
ना तो महिमा ने मुझे इस बारे में बताया था और ना ही मुझे इस बारे में कुछ पता था लेकिन जब एक दिन मुझे महिमा की एक सहेली ने इस बारे में बताया तो मैं इस बात से बहुत ही गुस्सा हो गया था।
मैंने इस बारे में महिमा से पूछा तो महिमा मुझे इस बात को लेकर सफाई देने लगी लेकिन मुझे लगा की महिमा ने मेरे साथ गलत किया उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था। मैंने उसके बाद महिमा से बात करनी बंद कर दी हालांकि हम लोग एक दूसरे से मिलते जरूरत थे लेकिन हम ज्यादा बात नहीं करते थे।
महिमा ने मुझसे बात करने की बहुत कोशिश की परंतु मैंने महिमा से बिल्कुल भी बात नहीं की मैंने महिमा को साफ तौर पर बता दिया था कि अब मैं तुमसे कोई भी रिलेशन नहीं रखना चाहता हूं लेकिन महिमा चाहती थी कि मैं उससे एक बार बात करूं और महिमा ने मुझे उसके लिए मना लिया था।
महिमा और मैं उस दिन हमारे ऑफिस के पास की कैंटीन में चले गए वहां पर हम दोनों साथ में बैठे हुए थे और हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे। जब मैं महिमा से बातें कर रहा था तो महिमा ने मुझे बताया कि उसकी शादी उसके परिवार वालों ने जबरदस्ती की थी और वह उस शादी से बिल्कुल भी खुश नहीं थी।
महिमा की शादी हो गई तो उसके बाद उसे पता चला कि उसके पति और उसके बीच कुछ भी ठीक नहीं है क्योंकि उसका पति पहले से ही किसी और लड़की को चाहता था इसलिए उन दोनों के बीच बिल्कुल भी नहीं बनी और जल्द ही उन दोनों का डिवोर्स हो गया।
मैंने महिमा से कहा महिमा यह सब तो ठीक है लेकिन तुमने मुझसे यह बात क्यों छुपाई अगर तुम मुझे पहले इस बारे में बता देती तो शायद मैं तुम्हें कभी कुछ नहीं कहता लेकिन तुमने मुझे इस बारे में कुछ भी नहीं बताया। महिमा मुझसे कहने लगी कि राजेश मुझे डर था कहीं मैं तुम्हें खो ना दूं इसलिए मैं तुम्हें बता नहीं पाई उसके लिए मैं तुमसे माफी मांगना चाहती हूं।
मैंने महिमा को कहा इस बात को तुम यदि मुझे पहले बता देती तो ज्यादा बेहतर होता और अब हम दोनों एक दूसरे से ना हीं मिले तो ज्यादा अच्छा रहेगा लेकिन महिमा चाहती थी कि हम दोनों रिलेशन में रहे आखिरकार मैं और महिमा एक दूसरे के साथ दोबारा से रिलेशन में आ गए। जब हम दोनों एक दूसरे के साथ दोबारा से रिलेशन में आ गए तो हम दोनों के बीच दोबारा से प्यार पनपने लगा था और सब कुछ बहुत ही अच्छे से चलने लगा था।
मैं भी इस बात को भूल कर अब आगे बढ़ चुका था और महिमा भी इस बात को भूल कर अब बहुत आगे बढ़ चुकी थी। मुझे भी इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था लेकिन महिमा और मेरी अभी तक शादी को लेकर कोई भी बात नहीं हुई थी परंतु मैं अब चाहने लगा था कि मैं महिमा से शादी कर लूं।
मैंने जब इस बारे में महिमा से बात की तो महिमा ने मुझे कहा कि अगर तुम चाहते हो की हम दोनों शादी कर लें तो उसके लिए तुम्हें मेरे परिवार वालों से बात करनी पड़ेगी। मैंने महिमा से कहा ठीक है मैं तुम्हारी फैमिली से बात करने के लिए तैयार हूं यह पहला ही मौका था जब मैं महिमा की फैमिली से मिल रहा था।
मैं महिमा के परिवार से मिला तो उनसे मिलकर मुझे अच्छा लगा महिमा ने मेरे बारे में उन्हें सब कुछ बता दिया था महिमा के पापा बड़े ही सज्जन व्यक्ति हैं उन्होंने मुझसे कहा कि बेटा महिमा की शादी पहले हो चुकी थी। मैंने उन्हें कहा कि मुझे इस बारे में पता है लेकिन मैं चाहता हूं कि अब मैं महिमा से शादी कर लूं।
उन्हें भी इस बात से कोई एतराज नहीं था और वह सब लोग शादी के लिए तैयार थे मैं भी काफी खुश था और मेरी फैमिली वाले भी मेरी और महिमा की शादी के लिए तैयार हो चुके थे। अब सब लोग मेरी और महिमा की शादी के लिए तैयार थे और जब हम दोनों की शादी हो गई तो हम दोनों बहुत खुश थे। महिमा बहुत खुश थी कि मैंने महिमा से शादी की और फिर हम दोनों पति-पत्नी बन चुके थे। हम दोनो की सुहागरात की पहली रात थी मै और महिमा बिस्तर पर थे।
मैंने महिमा को अपने पास बैठने के लिए कहा तो वह मेरे पास आकर बैठी। अब महिमा मेरे पास बैठ चुकी थी। मैंने दूध पिया जब मैने सुहानी की जांघों पर अपने हाथ को रखकर उसे अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश की तो वह मेरी बांहो मे आ चुकी थी। मैंने जब उसके स्तनों को अपने हाथ से दबाना शुरू किया तो महिमा को अच्छा लग रहा था।
मैंने महिमा के स्तनों को अपने हाथों से अच्छे तरीके से दबाना शुरु किया तो मुझे मजा आने लगा था। मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया वह बिस्तर पर लेट चुकी थी। मैंने महिमा के ब्लाउज को उतारकर उसकी ब्रा के हुक को खोलकर उसके स्तनों को चूसा तो उसके स्तनों को चूसकर मुझे मजा आ रहा था। मैने उसके स्तनो को चूसकर उसके निप्पल खडे कर दिए थे।
अब मेरा लंड भी खड़ा होने लगा था। मैंने अपने कपड़े उतार दिए थे मैने अब अपने लंड को महिमा के स्तनों के बीच मे रगडना शुरु किया तो उसे भी मजा आने लगा था। अब वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित होने लगी थी उसने मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ा दिया था।
मैं रह नहीं पा रहा था। मैंने महिमा की साड़ी को ऊपर किया और उसकी लाल चड्डी को उतार दिया। मैंने देखा महिमा की चूत से पानी बाहर की तरफ को निकलने लगा था। अब मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। मैं महिमा की चूत को चाटा तो मुझे उसकी चूत को चाटने में बड़ा मजा आ रहा था। मैंने महिमा की चूत को बहुत देर तक चाटा। महिमा की चूत से निकलता पानी बढने लगा था वह पूरी तरीके से मचलने लगी थी।
अब मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था मैं पूरी तरीके से गर्म हो चुका था। मैंने महिमा की चूत पर अपने लंड को सटाया और अंदर की तरफ डालना शुरू किया। मेरा लंड महिमा की चूत को फाडता हुआ अंदर चला गया था। अब मेरा मोटा लंड उसकी चूत को फाडता हुआ अंदर की तरफ गया तो मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। महिमा की चूत से खून निकल आया था।
मैने महिमा से पूछा तुम तो सील पैक हो। वह बोली हां मै सील पैक हूं। अब मेरे अंदर आग पैदा हो गई थी जिससे कि मैं बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो चुका था। अब वह मुझे अपनी और आकर्षित करने लगी थी मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था। मैंने महिमा के स्तनों को काफी देर तक दबाया।
जब मै उसके स्तनो को दबा रहा था और उसे चोद रहा था तो वह गरम होती जा रही थी। मैंने अब अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर तेजी से करना शुरु किया। मेरा माल गिर जाने के बाद मैंने उसे घोड़ी बना दिया था। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। मैंने उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को बड़े अच्छे से करना शुरू कर दिया था।
महिमा अब मेरे लिए तड़प रही थी वह मुझसे अपनी चूतड़ों को बड़े अच्छे से टकराए जा रही थी। मुझे बड़ा मजा आ रहा था और उसे भी बहुत ही अच्छा लग रहा था। मेरे अंदर की आग को महिमा ने बहुत ज्यादा बढ़ा दिया था। महिमा अब बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी महिमा की चूत से कुछ ज्यादा ही पानी बाहर निकलने लगा था।
अब मेरे लंड से भी बहुत पानी बाहर की तरफ को निकलने लगा था। मैंने महिमा की चूतडो को कसकर पकड़ लिया था और मै उसे तेजी से धक्के देने लगा। मैं महिमा को जिस तरह से धक्के मार रहा था उससे मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। अब महिमा बहुत ही ज्यादा खुश हो गई थी अब मुझे भी बड़ा मजा आने लगा था।
जब मैने महिमा की सील पैक चूत मे अपने माल को गिराया तो उसे मजा आ गया था। जब मेरा माल महिमा की चूत के अंदर गिरा तो मैंने अपने लंड को बाहर निकाला। मैं बहुत ज्यादा खुश था और महिमा भी बड़ी खुशी थी। हमने अपने कपड़े पहन लिए थे और हम दोनो एक दूसरे की बांहो मे थे।