मैं , आपने पढ़ा कि सेक्स में चूत चटवा कर चरमोत्कर्ष प्राप्त करने के बाद मेरी ननद को मेरी और अपने भाई की लाइव चुदाई देखने की ललक उठी|दिन में सुमित भी आ गये।
शाम को रसोई में रात के खाने की तैयारी के समय सरोज रसोई में आ गयी।कुछ देर इधर-उधर की बात करने के बाद काम करते हुए ही मैंने सरोज से धीरे से कहा,मैंने कमरे की खिड़की दी है और पर्दा भी ऐसे खिसका दिया है
कि अन्दर से पता नहीं चलेगा लेकिन बाहर से सब दिखेगा। मैं और तेरे भैया करीब रात 11|30 के बाद ही काम शुरू करते हैं तो टाइम देखकर धीरे से आ जाना।सरोज बोली,भैया किसी काम से बाहर तो नहीं निकलेंगे ना?
मैंने कहा,नहीं, उन्हें बाहर काम ही नहीं पड़ता तो नहीं निकलेंगे। बस तू पापा जी के रूम में पानी वगैरह सब रख देना क्योंकि रात सिर्फ रसोई में जाने के लिए ही कोई कमरे से बाहर निकलेगा|
उसके अलावा किसी को बाहर निकलने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती।सरोज हंसती हुई बोली,ठीक है … लेकिन 11|30 के बाद ही शुरू करना आप लोग कहीं ऐसा न हो कि भैया इतने दिन बाद आए हैं |
तो पहले ही आप लोग सारा काम खत्म कर लें और मेरे आने से पहले फिल्म खत्म हो जाए।मैं उसके गाल पर चिकोटी काटते हुए बोली,तू चिंता मत कर फिल्म की हिरोइन तो मैं ही हूँ ना … आज 11|30 से पहले मैं शुरू ही नहीं होने दूंगी फिल्म!
रात में खाना-वाना खाने के बाद करीब 9|30 बजे तक सब अपने कमरे में चले गये।मैं भी पानी वगैरह सब लेकर रूम में आ गयी ताकि रसोई में जाने की जरूरत ना पड़े।और सरोज को भी याद दिला दिया कि पापा जी के कमरे में पानी रख देना।
दरअसल हमारा घर काफी बड़ा और पुराना था।घर का नक्शा भी पुराना ही था जिसमें बीच में बड़ा सा आंगन था और उसके चारों तरफ बड़े-बड़े बरामदे थे। चारों तरफ बने कमरों के खिड़की दरवाजे भी बरामदे में खुलते थे।
आंगन के एक तरफ बड़ा सा हॉल है जो ड्राइंग रूम है और मुख्य प्रवेश वहीं से है।वहीं बाकी दो तरफ दो-दो कमरे बने हुए हैं जिनके खिड़की दरवाजे बरामदे में खुलते हैं।एक तरफ रसोई बनी थी।
बरामदे के एक तरफ हमारा और सरोज का कमरा था अगल-बगल और दूसरी तरफ ससुर जी का कमरा था|और उनके बगल का कमरा खाली रहता था जिसमें कोई रिश्तेदार आता था तो रुकता था।
चूंकि आंगन बड़ा था और उसके बाद बड़ा सा बरामदा तो रात में लाइट बंद हो जाने के बाद जब तक कोई पास ना आए … या फिर लाइट न ऑन हो तो दूसरी तरफ से बरामदे में क्या हो रहा है पता नहीं चल सकता था।
खैर … कुछ देर तो सुमित अपने ऑफिस का करते रहे और उसके बाद हम दोनों बातें करने लगे।वैसे तो सुमित जब भी घर आते थे तो हम हमेशा चुदाई करते थे।लेकिन आज जब मुझे यह पता था |
कि सरोज चोरी से हमारी चुदाई देखेगी तो मुझे और ज्यादा उत्तेजना हो रही थी।मैं किसी तरह 11|30 बजने का इंतजार कर रही थी कि काम शुरू किया जाए।बातचीत करते-करते 11|15 हो गये।
मैं जान रही थी कि कुछ देर बाद सरोज अब कभी-भी खिड़की पर आ सकती है।इसलिए मैंने अब सुमित से रोमांटिक बातें करनी शुरू दीं और धीरे-धीरे उनके कपड़े उतारने शुरू कर दिये।ये सब करते-करते 11|30 बज चुके थे।
मैंने सुमित से धीरे से कहा,आज खड़े होकर करते हैं।सुमित भी तुरंत तैयार हो गये।हम दोनों एकदम नंगे थे।मैं और सुमित दोनों बेड से उतर गये|और मैं जानबूझकर खिड़की के एकदम पास खड़ी हो गयी और सुमित को भी वहीं कर लिया।
मैं ऐसे खड़ी हुई कि सुमित का मुंह खिड़की की तरफ था ताकि सरोज अपने भाई का लण्ड आराम से देख सके।बेचारे सुमित को कहाँ पता था कि आज उनके लण्ड का दर्शन उनकी बहन भी कर रही है।हस्बैंड वाइफ लाइव सेक्स शो चल रहा था|
मैं सुमित के सामने घुटनों के बल बैठ गयी और उनका लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी।मैं सुमित का लण्ड मुंह में लेकर ऐसे चूस रही थी कि सरोज को लगे कि रियल में लण्ड चूसने में कितना मजा आता है।
सच कहूँ तो ये सोचकर कि मेरी छोटी ननद चोरी से मेरी और अपने भाई की चुदाई देख रही है मैं खुद भी बेहद उत्तेजित हो रही थी।कुछ देर तक सुमित का लण्ड चूसने के बाद उनका लण्ड खड़ा हो गया।
जिसके बाद मैं नीचे से उठकर बेड पर पर बैठ गयी सुमित मेरे सामने खड़े थे।फिर मैं कुछ देर तक उनके लण्ड को हाथ में लेकर हिलाने और सहलाने लगी।दरअसल मैं सरोज को अच्छी तरह से उसके भैया के लण्ड के दर्शन करा देना चाह रही थी।
करीब दो मिनट लण्ड से खेलने के बाद मैंने लण्ड को पकड़ा और उसकी चमड़ी को पूरा पीछे खींच कर उसके सुपारे को अपनी दोनों चूची की निप्पल से रगड़ने लगी।बीच में मैं लण्ड को दोनों चूचियों के बीच दबाकर चूची चुदाई करने लगती थी।
सुमित भी उत्तेजित होकर कमर हिला-हिलाकर मजे ले रहे थे।कुछ देर चूचियों की चुदाई करने और निप्पल से लण्ड को रगड़ने के बाद मैं दोबारा सुमित के लण्ड को मुंह में लेकर चूसने लगी।
सुमित की उत्तेजना देखकर और जितनी देर से मैं उनके लण्ड को चूसकर, सहलाकर और चूचियों से रगड़कर मजे ले तो मैं जान रही थी कि अगर मैं चूत में लण्ड लूंगी तो कुछ ही देर में उनका लण्ड पानी छोड़ देगा।
लेकिन मैं सरोज को ज्यादा देर तक मजा देना चाह रही थी इसीलिए मैं सुमित के लण्ड का पानी मुंह में ही लेना चाह रही थी कि फिर से उन्हें अगले राउण्ड की चूत चुदाई के लिए तैयार कर सकूँ।मैं मुंह आगे पीछे कर तेजी से सुमित का लण्ड चूसने लगी|
वहीं सुमित भी कमर को हिलाते हुए लण्ड चुसवा रहे थे|उनकी कमर की गति बता रही थी कि जल्द ही उनके लण्ड का पानी निकलने वाला है।कुछ ही देर बाद सुमित ने दोनों हाथों से मेरे सिर को पकड़ लिया|
तेजी से अपनी कमर को हिलाते हुए लण्ड को मुंह में आगे-पीछे करने लगे।मैं भी लॉलीपॉप की तरह तेजी से लण्ड चूसने लगी।अचानक सुमित के मुंह से तेज सिसकारी निकली |
तेज धार के साथ उनके लण्ड का गाढ़ा वीर्य सीधा मेरे गले में उतरता चला गया।तीन-चार झटके देदेकर सुमित ने अपने लण्ड का सारा पानी मेरे मुंह में निकाल दिया।थोड़ा वीर्य मेरे मुंह से निकल कर मेरे होंठ के अगल-बगल और गले तक फैल गया था।
मैंने भी अच्छी तरह तक गटकने के बाद और लण्ड को चूस चूस कर साफ करने के बाद ही मुंह से निकाला।सुमित बेड पर मेरे बगल बैठ गये और आंखें बंद कर अपनी सांस को काबू में करने की कोशिश करने लगे।
मैंने अपने मुंह और गले पर फैले वीर्य को पहले तौलिये से साफ किया और फिर बेड से उतर कर एक बार फिर सुमित के सामने जाकर नीचे घुटनों के बल बैठ गयी और उनके ढीले लण्ड को मुंह में लेकर दोबारा चूसना शुरू कर दिया।
सुमित बिना कुछ बोले आंख बंद किये मेरे सिर पर हाथ रख कर आराम से बेड पर बैठे दोबारा अपने लण्ड को चुसवा रहे थे।करीब 4-5 मिनट तक चूसने के बाद सुमित का लण्ड फिर से टाइट हो गया।
फिर सुमित ने मुझे खड़ा किया और बेड पर बैठे-बैठे मेरी चूचियों को बारी-बारी से चूसने लगे।इसके बाद अगले आधे घण्टे तक सुमित और हमने जमकर चुदाई की।इस दौरान सुमित ने मेरी चूत और गांड भी चाटी।
खैर … इसके बाद हम दोनों सो गये।अगले दिन चूंकि रविवार था तो सरोज कॉलेज नहीं गयी थी।सुमित किसी काम से बाहर निकले थे और ससुर जी अपने कमरे में ही थे।मैं सुबह रसोई में काम कर रही थी तभी सरोज भी रसोई में आ गयी।
जैसे ही सरोज रसोई में आयी मैंने मुस्कुराते हुए पूछा,तो कैसा रहा कल का लाइव टेलीकास्ट?सरोज मुस्कराती हुई बोली,जबरदस्त, आपने तो पॉर्न मूवी को भी फेल कर दिया। मजा आ गया सच में!
मैं बोली,तो चूत का पानी निकाला या नहीं देखते हुए?सरोज हंसते हुए बोली,क्या भाभी … आप भी!मैं बोली,अच्छा बेटा, चोरी-चोरी भाई और भाभी की चुदाई देख रही थी तब नहीं शर्म आ रही थी और ये बताने में शर्म आ रही है। बता ना सच-सच?
सरोज हल्का सा शर्माती हुई बोली,हाँ … निकल गया था।मैं बोली,तो पैंटी पहन कर आयी थी या उतार कर?सरोज बोली,अरे पहन कर आयी थी भाभी! पहले तो इतना डर लग रहा था कि पूछो मत। ये भी डर था|
कि कहीं पापा ना कमरे से बाहर निकल आएं।मैं आँख मारकर हंसते हुए बोली,अरे तो क्या हुआ उन्हें भी दिखा देती … वे भी बेचारे थोड़ा मजा ले लेते।सरोज थप्पड़ मारते हुए बोली,क्या भाभी आप भी ना। कैसा-कैसा मजाक करती हो।
मैं जानबूझकर सरोज के साथ पापा या भाई से चुदने वाला मजाक करती रहती थी।पहले तो उसे थोड़ा अजीब लगता था लेकिन बाद में वह भी बस हंस दिया करती थी।खैर … फिर तैयार होकर सरोज कॉलेज चली गयी।
शाम में फिर रसोई में काम करते समय सरोज आयी।कुछ देर इधर-उधर की बात करने के बाद सरोज उसी मुद्दे पर आयी और बोली,तो आज का क्या प्लान है?मैंने कहा,कुछ नहीं … जो रोज होता है वही है! क्यों?सरोज बोली,नहीं, बस ऐसे ही पूछ रही थी।
मैं मन ही मन मुस्कुरा रही थी; मैं समझ रही थी कि आग अब भड़क चुकी है।फिर मैंने खुद ही पूछ लिया,अगर आज भी चुदाई देखनी है तो बता? आज भी पर्दे उसी तरह कर दूंगी।
सरोज के चेहरे पर चमक आ गयी थी लेकिन थोड़ा नॉर्मल दिखाने की कोशिश करती हुई हंसकर बोली,अगर ऐसा है तो फिर तो आज भी देख लूंगी।मैं बोली,लेकिन एक शर्त पर!सरोज बोली,क्या
मैं मुस्कुराकर बोली,आज बिना पैंटी के आना देखने के लिए। तू खुद देखना कितना मजा आएगा तुझे!सरोज बोली,धत्त, भाभी आप भी ना। वैसे क्या नया करेंगी आज आप!मैं मुस्कुरा कर बोली,क्या देखना है तुझे बता वही करुंगी।
एनल सेक्स देखने का मन हो तो बता आज एनल सेक्स दिखा दूं तुझे!सरोज मुस्कुराते हुए बोली,अरे कुछ भी करिए … मैं तो देख लूंगी बस और क्या!फिर कुछ देर इसी तरह इधर-उधर की बात करने के बाद हम दोनों रात के खाने की तैयारी में लग गई।
रात में खाना वगैरह खाकर फिर उसी तरह हम सब अपने-अपने कमरे में चले गये।11|30 बजे के बाद जब मुझे अंदाजा हो गया कि सरोज खिड़की पर आ गयी होगी तो मैं अपने कपड़े उतार कर नंगी हो गयी और सुमित को भी नंगा कर दिया।
मैंने जानबूझकर मोबाइल में एनल सेक्स की मूवी लगा दी ताकि सुमित को भी गांड मारने का मन करने लगे|और फिर वही हुआ।मूवी देखते हुए सुमित मुस्कुराते हुए मुझसे बोले,आज पिछवाड़े की खुदाई की जाए?
सुमित की इस बात पर मुझे हंसी आ गयी।मैंने भी उसी तरह सुमित को जवाब दिया और कहा,फावड़ा तैयार है तो कर लीजिए खुदाई … मैंने कब मना किया है।सुमित बोले,तैयार है … बस खुदाई से पहले थोड़ी धार देनी होगी तुम्हें!
मैं समझ गयी कि सुमित लण्ड चूसने की बात कह रहे हैं|तो मैं भी उन्हीं की स्टाइल में कोडवर्ड में जवाब देती हुई हंसकर बोली,ठीक है लेकिन आप भी खुदाई से पहले थोड़ा जमीन तर कर दीजिएगा ताकि खुदाई में जोर न लगाना पड़े।
हम दोनों हंस दिये।दरअसल मेरा मतलब चूत और गांड चाटने से था।चूंकि खिड़की बेड के सामने बनी थी तो सरोज वहां से हम दोनों साफ देख सकती थी।मैं और सुमित बेड पर पीठ टिका कर नंगे बैठे थे।
बातचीत के बाद मैं सुमित के बगल से उठकर उनके पैरों के बीच में आ गयी और उनका लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी।
जिससे मेरी पीठ खिड़की की तरफ थी।
कुछ देर चूसने के बाद जब लण्ड पूरी तरह टाइट हो गया तो मैं लण्ड को मुंह से निकाल कर फिर से सुमित के बगल आ गयी और सुमित के टाइट लण्ड को हाथ में लेकर सहलाने लगी।
सुमित झुककर मेरी चूची को चूसने लगे और एक हाथ से मेरी चूत सहलाने लगे।करीब 2 मिनट तक इसी तरह करने के बाद सुमित मेरी चूत चाटने के लिए उठकर मेरे पैर की तरफ जाने लगे।
तो मैंने उन्हें रोक दिया और उन्हें उसी तरह वापस बेड का टेक लेकर बैठने को कहा।सुमित वापस उसी तरह बैठ गये जिसके बाद मैं उठी और अपने सुमित की तरफ मुंह कर अपने दोनों पैर सुमित के अगल-बगल कर बेड पर खड़ी हो गयी।
इस तरह मेरी पीठ खिड़की की तरफ थी।मैंने आगे खिसक कर अपनी चूत सुमित के मुंह के पास कर दिया और अपने हाथों को सामने दीवार का टिका दिया और जांघों को फैलाते हुए चूत को सुमित के मुंह से सटा दिया।
सुमित बेड पर बैठे-बैठे हाथों को मेरी मेरी गांड पर रख कर सहलाते हुए मेरी चूत चाटने लगे।मैं भी कमर हिलाते हुए चूत चटवा रही थी।करीब 2-3 मिनट तक इसी तरह चूत चटवाने के बाद मैं सीधी हुई |
बेड पर हाथ टिकाते हुए घुटनों के बल घोड़ी बन गयी।इस तरह मेरा मुंह खिड़की की तरफ था और सुमित मेरे पीछे थे।मैंने खिड़की की तरफ देखकर आँख मार दी।उधर सुमित झुककर अपने हाथ से मेरे चूतड़ों को फैलाया |
गांड की छेद को जीभ से चाटकर चिकना करने लगे।कुछ देर गांड चाटने के बाद सुमित घुटनों के बल मेरे गांड के पीछे आ गये|फिर उन्होंने लण्ड के सुपारे को मेरी गांड के छेद पर रखा और एक धक्के के साथ लण्ड को गांड में डाल दिया।
सुमित का गर्म-गर्म लण्ड करीब आधा मेरी गांड में घुस गया था।मेरे मुंह से हल्की सी सिसकारी निकली और मैं आंखें बंद कर सिसकारी लेते हुए गांड मरवाने लगी।उधर सुमित धक्के लगाते हुए तेजी से गांड मार रहे थे।
करीब 5 मिनट तक इसी तरह गांड मारने के बाद सुमित मेरी गांड में झड़ गये और अपना लण्ड मेरी गांड में ही डाले मेरी पीठ पर लुढ़क कर सुस्ताने लगे।इसके बाद फिर उन्होंने एक राउण्ड और चूत की चुदाई की।
हस्बैंड वाइफ लाइव सेक्स शो पर अपने विचार मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं|धन्यवाद|