मैं आप सभी को एक सच्ची चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ | जिसमे मैंने आपनी दादी की बहन को चोदा | वो रिश्ते में मेरे पापा की मौसी लगती थी | मैं और मेरे परिवार की ख़ुशी बस हमारे दादा थे | जो फ़ौज में थे और उस समय हम लोग जबलपुर दमोह नाका में रहा करते थे | मेरे दादा का काम सीओडी में था |
वो हम लोगो को भी बहुत चाहते थे | जैसे ही वो घर आते थे तो हम लोगो के लिए कुछ कुछ खाने को जरुर लाते थे | हम सब परिवार के लोग साल में एक बार घूमने के लिए किसी न किसी जगह पर जाते थे | और मेरे पापा का तो उस समय बस खाना और घूमना बस यही काम था | मैं तो बस अपनी कार में दोस्तों के साथ कॉलेज में मस्ती करना और दोस्तों के साथ घूमना और होटल में जा के खाना और लडकियो को सटाना बस |
पर जब हम लोग घर में एक साथ रात मिलते थे तो साथ में खाना पीना करते थे | एक दिन मेरे दोस्त का जन्मदिन था और मै उसके जन्नदिन की पार्टी में गया था और मुझे घर आने में देर हो गई थी | जब मैं रात में घर गया तो मेरे पापा बोले कि आप बहुत बिगड़ते जा रहे हो | मैंने कुछ नहीं बोला फिर पापा बोले कि ये आने का कोई टाइम है क्या ? मैंने बोला कि पापा आज मेरे दोस्त का जन्मदिन था तो वहीँ पर गया था और मै आपने कमरे जा के सो गया |
दूसरे दिन जब मैं सो के उठा तो पापा मुझे बोले कि बेटा तुम न मेरे साथ रतन नगर चलो वहां पर एक साईट है जिसे हम खरीदने वाले है | तो मैंने बोला ठीक है पापा जी चलो तो हम और पापा जी रतन नगर चले गए | रास्ते में एक आदमी का पर्स डला था तो मेरे पापा जी की नजर गई तो पापा जी ने गाड़ी को रोका और बोला कि बेटा देखो जरा किसी का पर्स डला है | तो मैंने पर्स को उठाया और खोला तो किसी आंटी की फोटो लगी थी |
और पर्स में 2000 के २० नोट थे और ज़रूरी कागज़ थे उसमे लालिपुर का पता लिखा था | तो पापा जी बोले कि बेटा एक काम करते है अपन अभी रतन नगर चलके साईट देखते है फिर चलते है लाली पुर | मैंने बोला कि हाँ पापा जी किसी का भला करना अच्छा होता है | हम दोनों ने साईट देखी और पापा जी बात चीत कर रहे थे और मुझे बोला कि बेटा केसी है जगह मैंने बोला पापा जी जगह तो ठीक है |
लेकिन शहर से बहुत दूर है तो पापा जी बोले बेटा अपन यहाँ रहेंगे नही घर बना के किराये से दे देंगे तो मैंने बोला ठीक है पापा जी और पापा जी उस साईट की बात करके निकल गए | फिर हम दोनों लालिपुर जाने के लिए निकले और जब हम लोग वहां पहुंचे तो हम लोग ने एक आदमी से पूछा कि भैया जी क्या आप एक का पता बता दोगे |
उन्होंने बोला हाँ तो उनसे पापा जी ने पूछा कि राम कुमार यादव कहाँ रहते है | तो उन्होंने बोला कि आप ये घर के बाजु से एक गली गई है और उस गली से अन्दर चले जाना ठीक गली ख़तम होते ही उनका घर है | जब हम लोग वहां पहुंचे तो देखा कि वो तो सामने ही बैठे हैं जिसका पर्स में कार्ड था और फोटो |
हम लोगों ने बोला कि भैया जी आपका क्या नाम है तो उसने बोला क्या काम है तो हमने कहा बताइए तो वो बोले राम कुमार यादव है | तब पापा जी ने कहा भैया जी क्या आपका कोई पर्स गिर गया है क्या ? तो उन्होंने बोला हाँ भैया जी रास्ते में गिर गया था पर पता नही कहाँ ? पापा जी बोले हमको मिला है वो पर्स ये रहा आपका पर्स और उन्होंने कहा भैया जी बहुत बहुत शुक्रिया आइये बैठिये न |
पापा जी बोले नही भैया जी बस अब चलते है वो एक 2000 का नोट निकाल के पापा जी को देने लगे तो पापा जी बोले नही भैया बस किसी की मदद करना अच्छा होता है तो हमने कर दी |
पर उन्होंने ज़बरदस्ती मुझे पकड़ा दिए और बोले शुक्रिया और हम लोग वहां से आ गये और दूसरे दिन से मेरे फ़ाइनल एग्जाम चालू होनी वाले थे इसलिए अब मैं रात भर पढ़ाई करता मुझे मेरे दादा जी ने पहले ही कह दिया था कि आप अगर इस एग्जाम में फर्स्ट आये तो आप को मैं एक मोबाईल ले के दूंगा जो भी आप बोलोगे |
मै एग्जाम में फस्ट ही आया और मेरे दादा जी ने मुझे एक नया मोबाईल ला के दिया और हम लोग गर्मी की छुट्टी में घूमने निकल गए | लेकिन एक बार मेरे दादा की तबियत सही नही थी तो हम लोग कही भी घूमने के लिए नही गये और और एक दिन दादी बोली कि बेटा अपन दोनों हमरी दीदी के यहाँ चलते है सिहोरा |
मैंने बोला ठीक है दादी जी चलो दादी बोली की बेग पैक कर लेते है और बस से चलते है | मैं और दादी सुबह की बस से चले गये सिहोरा और जब हम लोग सिहोरा पहुंचे तो दादी की दीदी मुझे देखते हुए बोली अरे !!! मेरे नाती आप कितने बड़े हो गये हो और मुझे चूमने लगी और उनके इतने बड़े बड़े दूध थे और अपने बड़े बड़े दूधो से मुझे चिपका लिया मेरा तो लंड खड़ा हो गया था तो मैंने सोच लिया था कि मुझे इनको चोदना है |
लेकिन कैसे चोदुंगा ये दिक्कत थी और एक दिन सिहोरा से अमरकंटक के लिए बस जा रही थी किसी धार्मिक स्थल पर | मेरी दादी बोली कि चल रहे हो क्या ? तो मैंने बोला हाँ चलेगे पर फिर मझे पता चला कि दादी की दीदी तो जा ही नही रही है | तो मैंने बोला कि काम बन सकता है चुदाई का तो मैंने अपनी दादी से बोला कि दादी आ घूम आओ मैं कभी और चला जाऊँगा तो दादी ने कहा ठीक है और वो चली गयीं |
मैंने उस दिन सोचा कि अगर देखा जाए तो दादी की दीदी तो मेरी दादी ही हुईं फिर कैसे करूँ पर फिर ख्याल आया छोडो अपने को क्या उतने में मैंने देखा कि दादी तो नहा रही है | तो मैं धीरे से बालकनी में जा के दरवाजे के पीछे से अपनी दादी के अंगो को देखने लगा |
वो जब अपना ब्लाउज उतारने लगीं तो उनके बड़े बड़े दूध देख के मेरा लंड खड़ा हो गया और उतने में दादी ने मुझे आवाज लगायी और कहा कि बेटा जरा मेरी पिठ घिस दो | तो मैंने बोला की ठीक दादी और मै उनकी पीठ को घिसने लगा और धीरे धीरे उनके दूध के पास तक हाथ लगाने लगा और फिर मेरा लंड ऐसा खड़ा हो गया जैसे फौलाद और मैं फिर थोड़ी हिम्मत करके उनके दूध के काफी पास अपना हाथ डालने लगा और धीरे धीरे उनके दूध को दबाने लगा |
वो भी अपने दूध को दबवाने लगी और बोलीं कि बेटा तू ना आज रात में मेरे शरीर की मालिश कर देना | मैंने मन में सोचा कि आज तो आपकी पूरी मालिश कर दूंगा | मैंने उसने बोला ठीक है दादी जी कर दूंगा | मैंने बाजार जा के 3 कोंडम लिए और आ गया और जब रात हुई तो मैंने बोला कि दादी जी आप ने क्या बनाया है खाने में तो उन्होंने बोला की आज मैंने आपके लिए उपमा बनाया है |
आप खालो तो मैंने बोला की हां आप भी मेरे साथ में खाओ ना और हम दोनों साथ में खाना खाया | खाने के बाद मैंने बोला कि अब मैं आप की मालिश करता हूँ | मैने उनको बिस्तर में लिटा दिया और सरसों का तेल लेके हाथ में लगा के उनके हाथो को मलने लगा और धीरे धीरे उनके पैरों को भी मलने लगा |
धीरे से उनकी साड़ी को ऊपर कर दिया और जब मैंने उनकी दोनों टांगों को फैला दिया और उनकी दोनों टांगों के बीच में देखा तो उनकी बड़ी बड़ी झाट के बाल और अच्छा बड़ा भोसड़ा था | तो मैं उनके झाट के बाल में तेल लगाने लगा और धीरे धीरे उनकी चूत में भी हाथ डालने लगा और उनकी उनकी पूरी साड़ी को उतार दिया और उनके ब्लाउज को भी उतार दिया |
मैं उनके बड़े बड़े दूध को चूसने लगा और वो भी मेरे लंड को हिलाने लगी और मैंने भी अपने पूरे कपडे उतार दिए और वो मुझे जम के जकड चुकी थीं और बोली कि आप आज मेरी प्यास को बुझाओ और मेरी किस लेने लगी और मै भी उनकी जम जम के किस लेने लगा |
फिर मैंने उनको बोला कि आप लोली पॉप चूसोगी क्या और उन्होंने कहा क्यूँ नहीं और उसने मेरा लंड को अपने मुह में डाल के चूसने लगी और जम जम के अन्टोलों को भी चूसने लगी मैं सिस्कारिया लेने लगा आह आहू आह औ आहुः अहुँहू अहा आहा आः अहुआ ह्हु आहू आःह अहह करते करते उनकी चूत को रगड़ने लगा |
फिर मैंने अपनी जीभ को उनकी चूत में डाल के चाटने लगा और फिर उनकी दोनों टांगों को अपने कंधो में रख लिया और अपना लंड को उनकी चूत में डाल के धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा | वो आह आहू आह अहू आहे अह्हे अहू कर रही थी | में जम जम के उनकी चूत में अपना लंड डालने लगा और उनके दूध को चूसने लगा |
वो बोलने लगी कि और तेज तेज करो फिर मैंने उनको घोड़ी बना लिया और उनकी गांड में अपना थूक लगा के अपने लंड को डाल के चोदने लगा और और वो भी आगे पीछे हो हो के अपनी गांड में लंड ले रही रही थी |
वो बोल रही थी कि बहुत मजा आ रहा है तो मैंने बोला कि हां मजा तो आयेगा ही आपका नाती जो चोद रहा है और दादी चुदवा रही है | वो बोली हां आज तो चोद ही दो फिर पता नही कब मिलते है और उनको चोदते चोदते मेरा माल गिरने को आ गया तो मैंने बोला कि दादी जी अब मेरे लंड को अपने मुह में लेके चूसो न |
तो वो बोली हाँ और मैं कुर्सी में बैठ गया और वो मेरे लंड को मुह में डाल के चूसने लगी और मेरा माल गिरने वाला था | तो मैंने उनके बालो को पकड़ के जम जम के गले तक अपना लंड को डाला | और मैंने अपना माल उनके मुह में गिरा दिया और हम दिनों एक दूसरे से चिपक के सो गये | ये रही मेंरी कहानी मेरे दोस्तों मैंने अपनी ही दादी को चोद दिया |