Delhi ki call girls sex story

मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से हूं और मेरे पिताजी ने मुझे कभी भी किसी चीज की कोई कमी होने नहीं दी, मेरे परिवार में मेरे भैया और मेरी छोटी बहन है हम लोगों के बीच बहुत ही प्रेम है मेरी मम्मी भी हम लोगों का बहुत ख्याल रखती है मेरी मम्मी के मेरी शादी को लेकर बहुत अरमान थे लेकिन शायद मैंने उनके अरमानों को पूरी तरीके से चकनाचूर कर दिया।

मेरी कॉलेज की पढ़ाई के बाद मैं एक स्कूल में पढ़ाती थी और मैं जिस स्कूल में पढ़ाती थी उसी स्कूल में एक लड़का भी कुछ समय के लिए बढ़ाने के लिए आ गया उसका नाम तेजस था तेजस और मेरे बीच में बहुत अच्छी दोस्ती हो गई तेजस मेरा बहुत ध्यान रखने लगा और धीरे धीरे मुझे ऐसा लगने लगा कि मैं शायद तेजस के बिना अधूरी हूं और मैं उसके बिना रह नहीं सकती मुझे तेजस के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था मुझे सिर्फ इतना मालूम था कि तेजस के पिताजी एक सरकारी विभाग में नौकरी करते हैं।

तेजस और मैं साथ में ज्यादा से ज्यादा समय बिताया करते हम दोनों को एक साथ में समय बिताना बहुत अच्छा लगता और हम लोग घंटों तक फोन पर भी बातें किया करते लेकिन मुझे नहीं पता था कि हम दोनों के बीच में क्या रिलेशन है जैसे जैसे समय बीतता गया वैसे हम दोनों के बीच नजदीकियां और भी ज्यादा बढ़ती चली गई और एक दिन तेजस ने मुझे अपने दिल की बात कह दी।

जिस दिन उसने मुझसे अपने प्यार का इजहार किया उस दिन शायद मैं भी उसे मना ना कर सकी और मैंने भी उसके प्यार को स्वीकार कर लिया हम दोनों के बीच अब प्रेम संबंध थे मैं तेजस के साथ अपना आगे का जीवन बिताना चाहती थी और उसके साथ ही में शादी करना चाहती थी लेकिन मेरे सामने समस्या यह थी कि तेजस ब्राह्मण परिवार से है और मैं एक राजपूत परिवार से जिस वजह से शायद मेरे पिताजी कभी भी मेरी शादी तेजस से नहीं कर पाते और शायद मैं अपनी जगह बिल्कुल सही थी।

मैंने जिस दिन अपने पिताजी को तेजस के बारे में बताया उस दिन वह मुझ पर आग बबूला हो गए और कहने लगे कि आज तुम इतनी बड़ी हो चुकी हो कि तुम अपने फैसले खुद ही लोगी तुमने एक बार भी हमसे पूछना सही नहीं समझा, मेरी मम्मी भी मुझ पर बहुत गुस्सा हो गई और वह मुझे कहने लगी कि क्या हमने तुम्हें यही परवरिश दी थी कि तुम हमें आज यह दिन दिखाओ।

मैं भी अपनी बात पर बहुत ज्यादा दुखी थी लेकिन मैं तेजस के बिना अब रह नहीं सकती थी तेजस और मेरे बीच में बहुत ज्यादा प्यार था लेकिन मेरे पापा और मम्मी को यह बात बिल्कुल मंजूर नहीं थी क्योंकि वह लोग और भी पुराने ख्यालातो के है इसलिए शायद वह कभी भी नहीं चाहते थे कि मेरी शादी तेजस के साथ हो।

उन्होंने मेरा स्कूल जाना भी बंद करवा दिया और मैंने अपना स्कूल जाना भी छोड़ दिया था मेरे पापा ने मेरा फोन भी अपने पास रख लिया था मेरा तेजस से कोई संपर्क ही नहीं था लेकिन तेजस से एक दिन मेरी मुलाकात घर के बाहर हो गई और वह मुझे कहने लगा मैं तुम्हें कब से मिलने की कोशिश कर रहा हूं लेकिन तुम तो घर से बाहर भी नहीं आती हो।

मैंने तेजस को समझाया और कहा कि तेजस तुम मुझे भूल जाओ क्योंकि मेरे पापा मम्मी को यह रिश्ता बिल्कुल मंजूर नहीं है और वह लोग बिल्कुल नहीं चाहते कि हम दोनों की शादी हो इसलिए यदि तुम मुझे भूल जाओ तो ही ठीक रहेगा तेजस मुझे कहने लगा बबीता मैं भला तुम्हें कैसे भूल सकता हूं तुम्हें तो पता है कि मैं तुम्हारे बिना जी नहीं सकता कितने दिनों से मेरी तुम्हारे साथ बात भी नहीं हो पाई है जिस वजह से मैं बहुत ज्यादा टेंशन में था और सोचने लगा कि तुम से बात कैसे होगी परंतु आज तुमसे बात करके मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।

मैंने तेजस से कहा देखो तेजस तुम अब मुझे भूल जाओ मैं वाकई में अब तुमसे कोई भी रिश्ता रखना नहीं चाहती हालांकि मैं भी तुमसे बहुत ज्यादा प्यार करती हूं लेकिन मैं अपने परिवार को भी दुख और तकलीफ नहीं पहुंचा सकती। तेजस मुझे कहने लगा लेकिन तुम्हें एक बार सोचना चाहिए मैं तुम्हारा साथ कभी भी नहीं छोड़ना चाहता हूं और तुमसे शादी करना चाहता हूं।

मैंने तेजस से कहा मैं भी तुम्हारे साथ शादी करना चाहती हूं मैं किसी और के साथ अपना जीवन नहीं बिता सकती लेकिन तुम ही मुझे बताओ कि मैं क्या करूं तेजस कहने लगा मुझे मालूम है कि तुम कुछ नहीं कर सकती तुम बहुत ही बेबस और लाचार हो लेकिन तुम अपने पापा मम्मी से एक बार तो बात कर सकती हो, मैंने तेजस से कहा मैंने उन्हें कितनी बार समझाया लेकिन वह लोग नहीं समझ रहे हैं।

मैंने तेजस से कहा अभी मैं घर चलती हूं नहीं तो मम्मी मुझे ढूंढती हुई आ जाएगी और तुम भी अपना ध्यान रखना, तेजस बहुत ही ज्यादा दुखी था औरवह भी वहां से चला गया मैं घर तो चली आई लेकिन मेरे दिल में सिर्फ तेजस का ही ख्याल आ रहा था और मैं सोच रही थी कि कैसे मैं तेजस से बात करूं लेकिन उससे मेरी बात हो ही नहीं हो पा रही थी।

एक दिन मैंने चुपके से अपने मम्मी के फोन से तेजस को फोन कर दिया तेजस मुझे कहने लगा मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता मैंने उसे कहा मैं भी अब तुम्हारे बिना नहीं रह सकती, हम दोनों ने भागने का फैसला कर लिया और हम दोनों घर से भाग गए जब हम दोनों घर से भागे तो कुछ ही समय बाद मुझे मालूम पड़ा कि तेजस बिल्कुल भी सही लड़का नहीं है।

उसने पहले भी किसी लड़की को ऐसे ही धोखा दिया है मुझे अपनी गलती का बहुत पछतावा हुआ और मैं अब तेजस के साथ रहना नहीं चाहती थी लेकिन मेरे पास और कोई रास्ता भी नहीं था मुझे ऐसा लगा कि मैंने बहुत ही बड़ी गलती कर दी है क्योंकि मुझे उसके बहुत बाद में पता चला की तेजस का दूसरी लड़कियों के साथ भी संबंध था और वह उनसे अभी भी संपर्क में था।

मैं पूरी तरीके से टूट गई लेकिन मैं अपने घर वापस नहीं जाना चाहती थी और ना हीं मैं तेजस के साथ रहना चाहती थी, मैंने जब इस बारे में तेजस से बात की तो वह कहने लगा तुम तो हमेशा मुझ पर शक करती रहती हो। हम दोनों साथ में रहते थे लेकिन मुझे कभी भी ऐसा नहीं लगा कि तेजस मुझसे प्यार करता है उसने तो सिर्फ मुझे बहला फुसलाकर अपने साथ में रख लिया मैं अब अपने घर भी नहीं जा सकती थी और ना ही मैं किसी तेजस के साथ रह सकती थी।

मैंने उसको कहा कि तुम मुझसे प्यार नहीं करते तो तुम मुझे पहले ही कह देते मैं तुम्हें कभी भी परेशान ना करती तुमने ही मुझे इतने बड़े सपने दिखाए थे और जब वह सपने पूरे करने का वक्त आया तो तुमने मेरे साथ ऐसा किया, तेजस मुझे कहने लगा देखो बबिता मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं मैंने उसे कहा तुम मुझसे प्यार नहीं करते तुम्हें तो सिर्फ मेरे साथ खेलना था और मेरी जिंदगी को बर्बाद करना था।

मैं तेजस के साथ रहती तो थी लेकिन मेरे दिल में उसके लिए कोई जगह नहीं थी मैं जब भी अपने माता पिता के बारे में सोचती तो मुझे बहुत दुख होता लेकिन मैं उनसे मदद भी नहीं मान सकती थी और ना हीं उनसे कुछ कह सकती थी इसलिए मैं एक दिन एक स्कूल में गई और वहां पर मैं पढ़ाने लगी वहां पर पड़ा कर मुझे थोड़ा बहुत अच्छा लगता और मेरा समय भी बीत जाता तेजस और मैं जब भी साथ में होते तो हम दोनों के झगड़े हुआ करते थे।

मुझे तो समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिरकार मैं तेजस के साथ क्यों आई लेकिन मेरे पास भी अब कोई रास्ता नहीं था। उस वक्त मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था मैं काम तो कर रही थी लेकिन मुझे अब पैसे की कमी होने लगी थी क्योंकि तेजस दिन भर घर में ही पड़ा रहता था वह कुछ काम नहीं करता था और ना ही कुछ करने को राजी था इसलिए मैंने भी सोचा कि मुझे ही कुछ करना पड़ेगा।

मैंने अपने स्कूल के प्रिंसिपल के साथ अपना चक्कर चलाना शुरु कर दिया और उन पर डोरे डालने शुरू कर दिए। वह मेरे जाल में पूरी तरीके से फंस गई मुझे तो सिर्फ उनसे पैसे चाहिए थे ताकि मैं पैसे जमा कर सकूं और तेजस का साथ छोड़ सकूं क्योंकि मैं ज्यादा समय तक तेजस के साथ नहीं रहना चाहती थी।

प्रिंसिपल मेरे जाल में पूरी तरीके से फंस चुके थे, एक दिन मैने उनको घर पर बुला लिया उस दिन तेजस कहीं गया हुआ था। जब वह घर पर आए तो मैंने उन्हें बैठने के लिए कहा वह कहने लगे मैं बैठने थोड़ी आया हूं मैं तो जिस काम के लिए आया हूं।

मैं वह काम कर के चला जाता हूं। मैंने कहा तो फिर आप बेडरूम में आ जाइए मैंने अपने बदन से एक एक कर के कपड़े उतारने शुरू किए और अपनी पैंटी ब्रा को उतार दिए। मै उनके लंड को मुंह में लेने लगी उनके लंड को मैंने गले तक ले लिया मैंने उनके लंड को मुंह मे लिया, अपने मुंह में लेकर मुझे बड़ा मजा आ रहा था और उन्हें बहुत अच्छा लग रहा था।

मैंने उनके पूरे कपड़े उतार दिए जब मैंने उनके लंड को अपनी चूत में लिया तो वह मुझे धक्का देने लगे। मैं उनके ऊपर से लेटी हुई थी वह बड़ी तेजी से मेरी चूत पर प्रहार कर रहे थे मेरे टाइट चूत का उन्होंने भोसड़ा बना कर रख दिया वह इतनी तेजी से मुझे धक्के मारते की मुझे बहुत दर्द होता और मैं अपने मुंह से सिसकिया लेती।

जब उन्होंने अपने वीर्य को मेरी टाइट योनि में गिरा दिया तो वह मुझे कहने लगे तुम्हारे साथ सेक्स कर के मजा आ गया। उसके बाद उन्होंने मेरे साथ एक बार और सेक्स किया लेकिन उसके बाद उनकी इच्छा भर चुकी थी और उनके बस की बात नहीं थी इसलिए वह अपने घर चले गए परंतु उसके बाद तो जैसे मुझे लंड लेने की आदत हो चुकी थी।

मैंने उनके साथ बहुत बार सेक्स किया जिससे कि मुझे पैसे भी मिल जाते। मेरे पास पैसे भी हो चुके थे मैंने कुछ समय बाद तेजस को भी छोड़ दिया मैं वहां से एक दूसरे शहर चली गई। वहां पर मैंने अपने आशिक बना लिए और उनके साथ में रंगरलियां मनाने लगी अब मुझे इस चीज की आदत हो चुकी है।

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