Garmi me chudai ki sex story

दीपिका कुछ दिनों से अपने मायके गई हुई थी घर पर मां ही सारा काम देख रही थी घर की देखभाल का जिम्मा आजकल मां पर ही था बच्चों की देखभाल से लेकर मेरे लिए खाना बनाना और मेरे ऑफिस के लिए टिफिन पैक करना यह सब मां की ही जिम्मेदारी थी।

हालांकि मां की तबीयत ठीक नहीं रहती लेकिन उसके बावजूद भी मां किसी तरीके से काम कर रही थी मैंने उन्हें कहा कि मां क्या मैं किसी नौकरानी को घर पर काम के लिए रख लूं तो मां कहने लगी कि नहीं बेटा अभी मैं यह सब काम करने में समर्थ हूं।

मैं अपने ऑफिस जा चुका था और जब मैं अपने ऑफिस गया तो मेरे ऑफिस में मेरे बॉस ने उस दिन सब लोगों को मीटिंग हॉल में बुलाया सब लोग मीटिंग हॉल में गए और वहां पर बॉस ने कहा कि कुछ महीनों से काम ठीक नहीं चल रहा है इसलिए उन्होंने सब लोगों को साफ तौर पर हिदायत दी कि वह अपने काम पर पूरी तरीके से ध्यान दें और उसके बाद सब लोग अपने काम पर ध्यान देने लगे। अगले दिन से काम कुछ ज्यादा होने लगा था इसलिए मुझे घर जाने में भी देर हो हो रही थी दीपिका भी अपने मायके से वापस लौट चुकी थी।

मैं जब अपने ऑफिस से लौटता तो बच्चों के लिए अपने मोहल्ले की दुकान से कुछ ना कुछ ले लिया करता और जब भी मैं घर आता तो उस वक्त 8:00 बज चुके होते थे। एक दिन मैं ऑफिस से घर लौटा तो उस दिन दीपिका ने मुझे बताया कि कल बच्चों की स्कूल में पेरेंट्स मीटिंग है तो आपको भी स्कूल में बुलाया है।

मैंने दीपिका से कहा दीपिका तुम्हें तो पता ही है कि मेरे पास समय बिल्कुल भी नहीं है इसलिए कल तुम ही चली जाना दीपिका मुझे कहने लगी कि ठीक है निखिल कल मैं ही चली जाऊंगी। अगले दिन दीपिका ही बच्चों के स्कूल में चली गई थी, अब हम लोगों के बीच में बातें कम हो पाती थी और मैं कुछ दिनों से काफी परेशान था तो उस दिन दीपिका ने मुझे कहा कि निखिल तुम इतने परेशान क्यों हो।

मैंने दीपिका से कहा कि आज कल ऑफिस में कुछ ज्यादा ही काम होने लगा है जिस वजह से मुझे अपने लिए भी समय नहीं मिल पाता है दीपिका मुझे कहने लगी कि निखिल क्यों ना हम लोग कहीं घूम आए। मैंने दीपिका से कहा कि आजकल कहीं भी जाना संभव नहीं हो पाएगा लेकिन कुछ दिनों बाद मैं इस बारे में जरूर सोच सकता हूं दीपिका ने मुझे कहा कि ठीक है निखिल जब आपको ऐसा लगे कि अब आपके पास वक्त है और आप ऑफिस से छुट्टी ले सकते हैं तो आप मुझे बता दीजिएगा।

थोड़े ही समय बाद ऑफिस के काम से मैं कुछ दिनों के लिए छुट्टी लेना चाहता था उसके लिए मैंने अपने बॉस से बात की और उन्होंने मुझे कुछ दिनों के लिए छुट्टी दे दी। मैं इस दौरान अपने परिवार के साथ कहीं घूमने के लिए जाना चाहता था लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि हमें कहां जाना चाहिए।

उस दिन मैं अपने रूम में ही बैठा हुआ था तो मेरी मां मेरे पास आई और कहने लगी कि निखिल बेटा तुम रूम में अकेले क्यों बैठे हुए हो मैंने मां से कहा कि मां बस ऐसे ही मैं अकेले बैठा हुआ था। मां अपनी बातें मुझसे करने लगी और कहने लगी कि निखिल बेटा तुम क्या सोच रहे थे तो मैंने मां को बताया कि मां मैं सोच रहा था कि हम लोगों को कहीं घूमने के लिए जाना चाहिए। मां ने मुझे कहा कि बेटा क्यों ना हम लोग कुछ दिनों के लिए जयपुर तुम्हारी मौसी के घर हो आए।

मैंने मां से कहा कि मां वैसे तो आप यह बिल्कुल ठीक कह रही हैं हम लोग कुछ दिनों के लिए जयपुर घूम कर आ सकते हैं और बच्चे भी इससे काफी खुश हो जाएंगे क्योंकि बच्चों की भी स्कूल की छुट्टियां थी। अब मैंने जयपुर जाने की सारी व्यवस्था कर दी थी ट्रेन की टिकट से लेकर मैंने मौसी को भी फोन कर दिया था जब मैंने मौसी को फोन किया तो वह कहने लगी कि निखिल बेटा तुम कब आ रहे हो।

मैंने मौसी से कहा कि मौसी हम लोग कुछ दिनों में आपके पास आ जाएंगे, मैंने अपने ऑफिस से 15 दिनों की छुट्टी ली थी इसलिए मैं चाहता था कि एक हफ्ता हम लोग जयपुर में रहे हैं। अब हम लोग जयपुर जाने की तैयारी कर चुके थे मां और दीपिका ने सारा सामान पैक कर लिया था और जिस दिन हम लोग ट्रेन से जयपुर गए उस दिन मैंने मौसी को भी फोन कर दिया था।

मुंबई से जयपुर की दूरी कुछ घंटों की है और हम लोग जयपुर पहुंच चुके थे हमारी ट्रेन रात की थी इसलिए हम लोग सुबह के वक्त जयपुर पहुंच चुके थे और मैंने रेलवे स्टेशन से एक टैक्सी भी बुक की और वहां से हम लोग मौसी के घर चले गए।

उस वक्त सुबह के 9:00 बज रहे थे इसलिए सब लोग उस वक्त घर पर ही थे हम लोग जैसे ही घर पहुंचे तो मौसी कहने लगी कि तुम लोग बिल्कुल सही समय पर आए हो।

हम लोग फ्रेश होने लगे और सब लोगो ने साथ में नाश्ता किया मेरे मौसा जी जो कि एक सरकारी विभाग में अधिकारी के पद पर हैं वह भी उस वक्त घर पर ही थे और नाश्ता कर के वह अपने ऑफिस के लिए निकल चुके थे।

मौसी के दो बेटे हैं दोनों ही कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं वह दोनों भी अपने कॉलेज जा चुके थे और हम सब लोग घर पर ही थे मां और मौसी एक दूसरे से मिलकर काफी खुश थे। काफी समय बाद हम लोग मौसी से मिले थे और दीपिका भी मौसी के साथ ही बैठी हुई थी उस दिन तो हम लोग घर पर ही थे लेकिन अगले दिन हम लोग घूमने के लिए चले गए।

जयपुर घूमने के बाद हम लोग वापस लौटे मौसी से मिलने के लिए उनके पड़ोस में रहने वाली एक महिला आई हुई थी उसे देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे वह मुझसे अपनी हवस बुझाना चाहती थी उनके पति अपने काम के सिलसिले में बाहर रहते थे उनका नाम ललिता है।

ललिता भाभी दिखने में बड़ी हॉट थी उनके स्तनो को देख कर मुझे बहुत अच्छा लगता उन्होंने मुझे कहा कभी आप घर पर आइएगा। मैंने उन्हें कहा जरूर आपसे मिलने के लिए आपके घर पर मैं आऊंगा। ललिता भाभी अपने घर चली गई तो मौसी ने उनकी बड़ी तारीफ की मौसी ने उनकी तारीफो के पुल बांध दिए थे ना जाने उनमें ऐसा क्या था कि मैं भी उनसे मिलने के लिए बड़ा बेताब था।

उस दिन दोपहर की गर्मी मे सब लोग आराम कर रहे थे उस दिन मैं घर से बाहर निकला तो जैसे ललिता भाभी मेरा इंतजार कर रही थी उन्होने मुझे देखते ही अपने घर पर बुला लिया। मैं भी उनके घर पर चला गया जब मैं उनके साथ बैठा हुआ था। मैंने उन्हें कहा आप मुझे पानी पिला दीजिए लेकिन वह तो जैसे मेरे इंतजार में बैठी हुई थी मुझसे अपनी चूत मरवाने के लिए तैयार थी।

मैंने पानी पिया वह मेरे बगल में आकर बैठी जब वह मेरे बगल में बैठी तो मैंने अपने लंड को देखा मेरा लंड खड़ा होने लगा था। वह मुझे देख रही थी वह बार-बार अपनी साड़ी के पल्लू को सरका कर मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था मैंने जब ललिता भाभी की जांघ पर हाथ को रखा तो उनकी मोटी जांघ गर्मी बाहर की तरफ छोड़ रही थी।

उन्होंने मेरे लंड को कस कर दबा दिया मेरे लंड को उन्होंने जैसे ही दबाया तो मुझे बहुत अच्छा लगा। उन्होंने मुझे कहा चलिए ना बेडरूम में चलते हैं अब मैं अपने आपको नहीं रोक पा रही हूं। वह अपने बेडरूम में ले गई मैंने उनकी साड़ी को उतारना शुरू किया तो वह मेरे सामने नंगी हो चुकी थी।

उनका गदराया हुआ बदन इतना ज्यादा आकर्षित कर रहा था कि मैं उनकी चूत में अपने लंड को जल्दी से जल्दी डालना चाहता था उन्होंने मेरे कपड़े खोल दिए और अपने हाथो मे मेरे लंड को लिया ऐसे करने के बाद जब वह मेरे लंड को चूसने लगी तो मुझे बहुत ही अच्छा लगने लगा और बहुत मजा भी आ रहा था।

वह बड़े अच्छे से मेरे लंड को चूसने लगी और मेरे अंदर की गर्मी को उन्होंने पूरी तरीके से बढा कर रख दिया था मैंने उन्हें कहा मुझे बहुत मजा आ रहा है मैं बहुत ज्यादा खुश हूं। वह मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर लेने लगी मेरे लंड को उन्होंने अपने मुंह में ले लिया था और बहुत अच्छे चूसा मेरे लंड को उन्होने चूसा तो मैंने उनके बड़े स्तनों को अपने हाथ में लिया और वह उत्तेजित होने लगी उनकी उत्तेजना इस कदर बढ़ने लगी थी कि मुझे उनकी चूत को चाटने में अब मजा आने लगा था।

मैंने उनकी चूत को बहुत देर तक चाटा उनकी चूत से मैंने पानी बाहर निकाल दिया था मैंने उस पानी को अपने अंदर ही ले लिया। अपने गरम हो चुके लंड को जब उनकी गरम चूत पर लगाया तो उस से और भी अधिक गर्मी निकलने लगी। जैसे ही मैंने उनकी चूत के अंदर धक्का देते हुए अपने लंड को घुसाया तो वह बहुत जोर से चिल्लाने लगी और कहने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा है।

अब मैं उनके दोनों पैरों को खोलकर बड़ी तेजी से धक्के दे रहा था मैंने उन्हें बड़ी तेज गति से धक्के देना शुरू कर दिया। जब मैं उनको धक्के दे रहा था तो मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था और मैंने काफी देर तक उन्हें ऐसे ही धक्के दिए अब मैं उन्हें इतनी तेज गति से चोदने लगा था मुझे बहुत मजा आने लगा था।

मैंने उनके दोनों पैरों को खोलकर बड़ी तेज गति से उनकी चूत पर प्रहार करना शुरू कर दिया था उनकी चूत पर प्रहार करने से मेरे अंदर की गर्मी बढ़ती जा रही थी और मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं बस उनको चोदता ही रहूं कुछ देर ऐसा करने के बाद उन्होंने मुझसे कहा मुझे घोडी बना दू।

उन्होंने अपनी चूतडो को मेरी तरफ किया तो उनकी बडी चूतडो पर मैंने अपने हाथ से एक दो बार प्रहार किया उनकी गर्मी बढ़ने लगी थी। मैंने उनकी चूत में अपने लंड को डालकर उनकी इच्छा को पूरा किया और काफी देर तक उन्हें चोदता रहा फिर मैं वापस लौट आया था।

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