हेल्लो दोस्तों मैं आप सभी का बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से इसका नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ।
आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है। हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम सोनू साहू है।
मैं मुंबई में पुणे में रहता हूँ। मेरा कद 6 फ़ीट 7 इंच का है। बचपन से ही मैं बहुत कमीना किस्म का था।आज भी मेरी कमीनापंती वैसी ही है। मेरी उम्र 32 साल है। बचपन में जब से मुझे पता चला है |
लंड से मूतने के अलावा भी कोई काम किया जाता है मेरा लंड तब से 6 इंच बढ़ा है। 4 इंच के लंड को हमारे यहाँ आम भाषा में लुल्ली कहते है। लंड तो हमारे यहाँ काम से कम 8 इंच का हो।
8 इंच के बड़े लुल्ली को लंड कहते है। मेरा लंड 11.5 इंच का है। मेरा लंड रॉड की तरह कड़ा है। एक बार खड़ा होने के बाद बहुत मुश्किल से ही गिरने का नाम लेता है। दोस्तों मेरा शरीर खंभे की तरह है।
मै रोज जिम जाता हूँ जिससे मेरा शरीर बहुत ही सुडौल है। मै उम्र में भले ही 34 साल का हूँ। लेकिन मै देखने में अभी 25 साल से ज्यादा नहीं लगता। मेरे मुहल्ले की सारी लडकियां लाइन देती है।
मै भी भाव खा के अच्छी लड़कियों के साथ सेक्स करता हूँ। मुझे रोज रोज नई नई चूत चोदना बहुत अच्छा लगता है। मेरा लंड अब तक कई लड़कियों को चोद चुका है। पहले से ज्यादा लडकियां तो मुझ पर अब मरती है।
लड़कियों से ज्यादा भांभियां चुदवाना चाहती है। दोस्तों मै अब अपनी कहानी पर आता हूँ।मै एक शादी शुदा मर्द हूँ। मेरी शादी6 साल पहले सन 2015 में हुई थी। मेरी बीबी कुछ खाश अच्छी नहीं है। उसका नाम डिंपलहै।
मैं अपनी बीबी को रात में कई बार चोदता हूँ। दोस्तों चेहरा चाहे जैसा हो। लेकिन चूत को चोदने में आनंद उतना ही मिलता है। अभी मेरी शादी को 3 साल ही हुए थे। एक रात चुदाई की दौरान मेरी बीबी प्रेग्नेंट हो गई।
जब उसने टेस्ट करवाया तो वो प्रैग्नेंट थी। आखिरकार उसने एक मॉडल निकाल ही दिया। अब वो मॉडल (बच्चा) 4 साल का हो गया है। पास के ही एक स्कूल में मैंने उसका एडमिशन करवाया है। मेरा पुणे में ही मेडिसिन की एजेंसी है।
एक दिन मेरे घर का नौकर नहीं आया था। मेरी बीबी की भी तबियत खराब थी। उस दिन बच्चे को लाने स्कूल जाना था। मेरे बच्चे का नाम मुरली है। मैं उसके स्कूल के गेट से अंदर घुसा।
मैंने अंदर जाकर एक मैडम को देखा जो मेरे बच्चे को लेकर आ रही थी। मैडम के बाल बिखरे हुए थे। मैडम अपनी बालों को संभाल रही थी। मेरा तो बचपन से ही यही हाल था।
किसी खूबसूरत लड़की को देखते ही मेरे लंड का खड़ा हो जाना। मेरा बच्चा मुझे देखते ही मेरी तरफ डैडी डैडी बोलते हुए मेरी तरफ दौड़ने लगा। मैडम मेरे बच्चे को मुरली संभल के बोलते हुए उसके पीछे तेजी से चलने लगी।
मैडम की उछलते बूब्स को देखकर मेरा लंड कड़ा हो गया। मुझे मैडम की चलने की स्टाइल दुपट्टे को सँभालने की अदा मेरे दिल को भा गई। मेरा मन मैडम को चोदने को मचलने लगा।
मैडम मेरे पास आकर बोली- आपका बच्चा बहुत ही शरारती है। जब तक स्कूल में रहता है। कुछ ना कुछ शरारत करता रहता है। मैंने मन ही मन कहा बिल्कुल बाप पर ही गया है। मैंने मुरली को बाय बोलने को कहा।
मुरली बाय बोला ही था कि मैडम झुक कर मुरली को किस करने लगी। मैडम के झुकने पर उनके दोनों चुच्चे साफ़ साफ़ दिखने लगे। मेरे लंड पर प्रेशर बढ़ता ही जा रहा था।
मैने तुरंत घर पर आते ही बीबी की जबरदस्त चुदाई मैडम को याद कर करके कर दी। मैंने बच्चे से मैडम का नाम पूंछा। उसने मैडम का नाम स्वाति बताया।
अब मैं हर रोज अपने बच्चे को लेने जाने लगा। जिस दिन स्वाति बच्चे के साथ नहीं आती उस दिन मैं अंदर जाकर मिल आता था। मैंने स्वाति से उनका नंबर मांग लिया। पहले तो हिचकिचाई लेकिन बाद में नंबर दे ही दिया।
अब मैं अपने बच्चे को स्कूल लेने नहीं जाता था। फ़ोन से ही स्वाति से बात करके अपने बच्चे की पढाई लिखाई के बारे में पूंछता था। धीऱे धीऱे मेरी फ़ोन पर बात स्वाति से बढ़ने लगी। हम एक दूसरे से अपनी अच्छी बुरी बात बताने लगे।
मैंने स्वाति को कई बार होटल भी ले गया।स्वाति की अभी शादी नहीं हुई। एक दिन मेरी बीबी मायके चली गई। मुरली को भी साथ ले गई। मैंने स्वाति के पास फ़ोन किया। स्वाति खूब ढेर सारा मेक अप करके मेरे घर पर आ गई।
स्वाति की आँखों का काजल बहुत ही अच्छा लगा रहा था। उसने अपने मुँह को ब्लश करके लाल लाल कर लिया था। स्वाति बहुत ही मस्त माल लग रही थी। स्वाति अपनी लंबी लंबी नाखूनों पर लाल रंग की नेलपॉलिश लगा रखी थी।
स्वाति अपनी कमर मटकाते किये ऊंची हील की सैंडल पहन कर मेरे घर में घुस आई। मैंने नौकर को बाहर भेज दिया। मैंने स्वाति को अंदर अपने रूम में ले गया। स्वाति भी अभी तक कुवांरी थी।
उसका भी मन चुदने को कर रहा था। फ़ोन पर वो बार बार मुझसे कुछ ऐसे ही बात करती थी। मैं समझ गया मैडम को भी अपनी योनि की खुजली शांत करनी हैं। स्वाति उस दिन ब्लू कलर का शूट पहने थी।
स्वाति उस दिन देखने में बहुत ही आकर्षक लग रही थी। स्वाति बताने लगी- मुरली बड़ा शरारती है। कभी कभी वो मेरे बूब्स को दबा देता है।पूछता है मैडम आपका ये बड़ा क्यों है। एक दिन तो पीने के लिए जिद कर रहा था।
मैने कहा तो पिला देना चाहिए था। स्वाति मैडम हंसने लगी। स्वाति के पास जाकर मैं चिपक कर बैठ गया। मैंने स्वाति की कमर को अपनी बांहों में जकड़ कर कहा। अपना दूध मुरली के पापा को भी पिलाओगी।
स्वाति ने धत्त…तुम इतने बड़े हो गये हो कब दूध की तुम्हे जरूरत नहीं है। स्वाति ने शरमाते हुए कहा। मैंने स्वाति के शरमाते चेहरे को ऊपर करके किस किया। स्वाति ने भी तुरंत रिप्लाई दे दिया। स्वाति ने बता दिया की रास्ता साफ है।
मैंने स्वाति की आँखों में चुदवाने की झलक देखी। स्वाति को मैंने कस के पकड़ लिया। मैंने स्वाति के हाथों को सहलाते हुए। उसकी होंठ पर होंठ रख दिया। स्वाति ने अपनी आँख बन्द कर ली।
स्वाति ने अपने होंठो पर गुलाबी रंग की लिपस्टिक लगाई थी। मैंने उसके गुलाबी होंठ को चूमकर चूंसने लगा। स्वाति भी आंख बन्द किये हुए मेरा साथ दे रही थी। स्वाति भी मेरे होंठ को अपने होंठ से चूस रही थी।
हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूसने में लगें थे। स्वाति के होंठ चूसने के अंदाज से लग रहा था बहुत दिनों से चुदाई की प्यासी है। मैं स्वाति की जीभ को भी चूंसने लगा। स्वाति भी अपना जीभ निकाल कर चुसवा रही थी।
मैंने अपना एक हाथ स्वाति की बूब्स पर रख दिया। स्वाति ने अपनी आँखे खोल कर मेरी तरफ देखने लगी। मैंने स्वाति से कहा- बच्चे को न सही पर उसके बाप को तो दूध पिला दो!! स्वाति मुस्कुराई लेकिन कुछ नहीं बोली।
मैंने फिर से स्वाति की दोनो चूंचियो को अपने हाथ में ले लिया। काफी बड़े बड़े बूब्स थे।मैं अपने हाथों में लेकर बाल की तरह उछाल उछाल कर खेलने लगा। मैंने स्वाति को अपने टांगो के बीच में बैठाकर उसकी दोनों मम्मो को मसलने लगा।
स्वाति अपना चेहरा ऊपर कर ली। मैंने साथ ही साथ उसकी होंठ भी चूसने लगा। स्वाति की चूंची बहुत ही मुलायम थी। दबाने पर एकदम रुई की गेंद की तरह लगती थी। मुझे उसकी चूंचियों को मसलने में बहुत मजा आ रहा था।
उसकी चूंची को मैंने खूब दबाया। इतनी मुलायम और सॉफ्ट बूब्स को देखने को मैं बेकरार हो रहा था। इतने में मैंने स्वाति को खड़ी करके। मैंने स्वाति का कुर्ता निकाल दिया। स्वाति ब्रा में बिल्कुल मॉडल लग रही थी।
मैंने स्वाति को उठा लिया। स्वाति ने उस दिन लाल रंग की ब्रा पहनी हुई थी। स्वाति की टाइट ब्रा में उसकी बूब्स कसी हुई थी। उसकी बूब्स आजाद होने चाहती थी। स्वाति को ब्रा में देखकर मेरा लंड आपे से बाहर हो रहा था।
मैंने स्वाति की स्वाति ने अपने बिखरे बालों को झटकते हुए ऊपर किया। अब उसकी ब्रा सहित मम्मे साफ़ साफ़ दिख रहे थे। मैंने उसकी बूब्स को अपने हाथों में लेकर जोर से दबाने लगा। स्वाति की सिसकारी निकल गई।
स्वाति – सी… सी…..सी….ई….ई. …ई…. ई…इस्स्स…इस्स्स…इस्स्स!!! करने लगी। मैंने स्वाति की ब्रा की हुक पीछे से खोलकर उसकी मम्मो को आजाद कर दिया। उसकी गोरी गोरी चूंची पर काले रंग के निप्पल अतिसुन्दर लग रहे थे।
मैंने एक पल भी व्यर्थ न करते हुए। उसकी चूंचियो को पकड़ कर निप्पल को अपने मुँह में भर लिया। स्वाति कहने लगी- बेटा तो किसी तरह मान भी गया था। लेकिन उसका बाप तो आज दूध पी कर छोड़ेगा।
मैंने उसके निप्पलों को अपने बच्चे की तरह पीना शुरू किया।मुझे वो अपने चुच्चों में दबा रही थी। उसकी चुच्चो को मैं काट काट कर पी रहा था। उसका निप्पल काटते ही वो ….सी…. सी….सी…. सी…… करने लगती।
मैने उसकी दोनों चूंचियो को बार बार काट काट कर पी रहा था। स्वाति सिसकारियां भरती रहती थी। स्वाति बहुत ही गर्म हो चुकी थी। वो जल्द से जल्द मेरा लंड खाना चाहती थी। मै भी चोदने में काफी माहिर था।
मैं स्वाति को खूब तड़पा कर चोदना चाहता था। स्वाति की चूंची गरम होकर टाइट हो गई। मैंने स्वाति की निप्पल को मुह से निकाला। मैंने उसे फिर से खडा किया। नाड़ा खोल दिया। स्वाति का सलवार नीचे सरक गया।
स्वाति अब पैंटी में मेरे सामने खड़ी थी। स्वाति को मैं ऊपर से नीचे तक ताड़ रहा था। स्वाति मुझसे शरमा रही थी। अपनी चूत पर हाथ रखे हुई थी। मैंने उसका हाथ हटाया। मै कहने लगा मुझसे क्या शरमाना।
मैंने उसकी पैंटी को निकाल दिया। बाप रे उसकी चूत बहुत ही गोरी थी। उसकी चूत के किनारे उगे हुए छोटे छोटे बाल बहुत ही अच्छे लग रहे थे। उसकी चूत अभी पूरी तरह से बालों से नहीं भरी थी।
मैंने बैठकर स्वाति की चूत को अपनी जीभ लगाकर चाटने लगा। स्वाति मेरा सर अपनी चूत में चिपका रही थी। मैंने स्वाति की चूत की दोनों पंखुड़ियों को चाट चाट कर चूस रहा था।
स्वाति सी…सी….इस्स्स….. इस्सस्स …इस्स्स…. उफ्फ…..उफ्फ्फ कर रही थी।मैंने स्वाति की चूत की भीतरी हिस्से में अपनी जीभ घुमा घुमा कर चाट रहा था। स्वाति ने अपनी चूत गीली कर चुकी थी। मैं उसकी गीली चूत का सारा माल चाट गया।
मै अपनी जीभ अंदर बाहर डाल डाल कर स्वाति की चूत चाट रह था। मैंने स्वाति की चूत से अपनी जीभ निकाली। अपने पैंट का हुक खोल दिया। पैंट के साथ ही मैंने कच्छा भी निकाल दिया।
स्वाति मेरे बड़े मोटे लंड को बड़ी हैरानी से देख रही थी। स्वाति कहने लगी इस लंड से तुम चुदाई करते हो या खुदाई। मैंने कहा वो तो अभी पता चलेगा। स्वाति बोली- न बाबा न इतने बड़े लंड से मुझे अपनी चूत नहीं फड़वानी।
मैंने कहा पहले चूसो तो मेरा लंड। स्वाति मेरे लंड को धीऱे धीऱे सहलाने लगी। मेरा लंड स्वाति के छूते ही और बड़ा हो गया। स्वाति मेरे पूरे लंड पर हाथ घुमा रही थी। मैंने स्वाति की मुँह में अपना लंड रख दिया।
स्वाति मेरे लंड को चूंसने लगी। कुछ देर तक चूंसने के बाद। मैंने स्वाति को पास में ही रखे तेल को दिया। स्वाति मेरे लंड पर तेल लगाकर मालिश करने लगी। मैंने अपने लंड को तेल से नहला दिया।
स्वाति को मैंने लिटाकर। उसकी दोनों टाँगे खोल दी। स्वाति मेरे लंड से डर रही थी। मैंने स्वाति की चूत में रॉड जैसे गरम लंड को रगड़ रहा था। स्वाति बहुत ही गरम हो चुकी थी। मैंने स्वाति की चूत में अपने लंड को जोर से धकेल दिया।
मेरा लगभग 4 इंच लंड स्वाति की चूत में घुस गया।स्वाति जोर जोर से चिल्लाने लगी। स्वाति आआआआअह्हह्हह…..अई…..अई….ईईईईईईई मर गयी…मर गयी….मर गयी….मैं तो आजजजजज!!”।
मैंने बिना एक पल बिताए दूसरी बार भी धक्का मार दिया। स्वाति और जोर जोर से चिल्ला चिल्ला कर रोने लगी। दर्द से वो छटपटाने लगी। कहने लगी- मेरी चूत फट गई। मैंने कहा कुछ नहीं हुआ है।
मैंने चुदाई रोक के उसे किस करने लगा। स्वाति की को कुछ ही देर में आराम होने लगा। मैंने धीऱे धीऱे से उसकी चुदाई शुरू कर दी। स्वाति को भी अब हल्के हल्के दर्द में मजा आता देखकर।
मैंने अपनी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी। स्वाति -…उंह उंह उंह हूँ…हूँ….हूँ…हमममम अहह्ह् ह्हह….अई…अई….अई….” बोल बोल के चुदवा रही थी। मैंने स्वाति की चूत में अपने मोटे बड़े लौड़े को पूरा अंदर बाहर कर रहा था।
स्वाति को भी बहुत मजा आ रहा था। मुझे बहुत दिनों बाद इतनी टाइट चूत चोद के बहुत मजा आ रहा था। मैं उसकी चूत को जल्दी जल्दी चोद रहा था। स्वाति भी अपनी कमर को लपा लप उठा के चुदवा रही थी।
मैंने स्वाति की टांग उठाकर खूब जोर जोर से उसकी चूत में लंड पेलने लगा। स्वाति की चीखे निकल गई। स्वाति “अई….अई…अई.. अहह्ह्ह्हह….सी सी सी सी….हा हा हा….” करके चीखने लगी।
स्वाति की चूत की नाली में पानी आ गया। मेरे लंड को भिगा दिया। मैंने स्वाति को बिस्तर से नीचे उतारा। मै लेट गया। स्वाति को अपने लंड की सवारी कराने लगा। स्वाति भी मेरे लंड पर अपना चूत रखकर बैठ गई।
मैंने स्वाति की गांड पर हाथ मार मार कर स्वाति को जोर जोर से चुदवाने को उत्तेजित कर रहा था। स्वाति जोर जोर जोर से ऊपर नीचे होकर चुदवा रही थी। मैंने उठकर स्वाति को झुकाकर उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया।
स्वाति की चूत में मेरा लंड उछल उछल कर चोद रहा था। मैंने स्वाति को गोद में लेकर उठा उठा कर चोद रहा था। मैंने स्वाति की गांड में अपना लंड डालने लगा। स्वाति जोर से चिल्लाई। उसने मुझसे दूर होकर कहा मुझे आज गांड नहीं फड़वानी।
उसने मना कर दिया। मुझे बहुत गुस्सा आया।लेकिन उसे फिर से किसी दिन चोदना था। इसीलिए मैं मान गया। उसकी गांड का सारा गुस्सा उसकी चूत पर निकालने लगा। उसकी चूत का भरता तो लगा ही चुका था।
अब मैं उसकी चूत की चटनी बनाने लगा। मैं जोर जोर से अपने लंड को लंड की जड़ तक डालने लगा। बार बार “…..मम्मी….मम्मी……. सी सी सी सी….हा हा हा ….ऊऊऊ ….ऊँ…ऊँ….ऊँ… उनहूँ उनहूँ…” चीख रही थी।
मैं भी झड़ने वाला हो गया। मैंने अपने लंड को स्वाति की चूत से निकाल कर। उसके मुँह के सामने मुठ मारने लगा। मैंने अपना सारा माल चिल्लाते हुए। स्वाति की मुँह में गिरा दिया। स्वाति मेरे लंड का सारा रस पी गई।
हम दोनों लेट गए। कुछ देर बाद दोनों बॉथरूम में नहाये और खूब मस्ती की। अभी तक मैंने स्वाति को एक ही बार चोद पाया हूं। लेकिन जब भी मैं दूसरी बार स्वाति को चोद कर उसकी गांड मारूंगा। तो वो कहानी भी लिखूंगा।