मैं काम के सिलसिले में मुंबई चला आया क्योंकि हमारा शहर बहुत छोटा है और वहां पर मुझे ऐसा कुछ नहीं लगा कि मेरा भविष्य बन पाएगा इसलिए मैं वहां से मुंबई चला आया, मैं जब मुंबई आया तो मुझे कंपनी में नौकरी मिल गई और मैं वहां पर काम करने लगा मेरी तनख्वाह भी अच्छी थी।
मैं पहले अपने दोस्तों के साथ रहा करता था लेकिन उसके बाद मैंने अकेले रहने का निर्णय किया और मैं अकेले एक फ्लैट में रहने लगा लेकिन मुझे मेरे बचपन के दोस्त का फोन आया और वह भी कहने लगा कि वह मेरे साथ रहना चाहता है इसलिए मैंने उसे अपने साथ रख लिया उस वक्त उसके पास भी कोई नौकरी नहीं थी और कुछ समय बाद ही उसकी भी जॉब लग गई अब हम दोनों एक साथ रहा करते है और एक दूसरे के साथ हम दोनों घूमने जाया करते हैं।
मेरे ऑफिस के भी कुछ दोस्त है लेकिन उनके साथ मैं कम ही जाया करता था मुझे मुंबई में 6 महीने हो चुके थे और 6 महीने से मैं घर भी नहीं गया था मैंने सोचा कि चलो 6 महीने बाद घर जाना हो रहा है तो अपने परिवार वालों के लिए कुछ लेकर जाया जाए।
मैं अपने घर पर गया तो मैं सबके लिए कुछ ना कुछ लेकर गया क्योंकि मेरे परिवार में मेरे भैया भाभी और मम्मी पापा और मेरी एक छोटी बहन है जो कि अभी पढ़ाई कर रही है मैं सब लोगों के लिए कुछ ना कुछ गिफ्ट लेकर गया था और जैसे ही मैं घर पहुंचा तो सब लोग मुझे देखकर खुश हो गए, मैं भी 6 महीने बाद उन लोगों से मिला था इसलिए मेरे चेहरे पर भी एक मुस्कान आ गई और मैं बहुत खुश हो गया।
मेरी मम्मी ने मुझे पूछा कि बेटा तुम घर पर कितने दिन रुकोगे, मैंने मम्मी से कहा मैं ज्यादा दिन तो नहीं रुक पाऊंगा लेकिन 15 दिन तक तो मैंने ऑफिस से छुट्टी ली है, मम्मी कहने लगी चलो तुमने अच्छा किया जो छुट्टी ले ली क्योंकि इस बीच में घर का भी कोई काम था, मैंने मम्मी से पूछा कि अभी तो मुझे आराम करने दो मैं बहुत ज्यादा थक चुका हूं और मुझे बहुत नींद आ रही है मम्मी कहने लगी बेटा तुम जाकर सो जाओ।
फिर मैं जाकर अपने रूम में लेट गया मुझे बहुत गहरी नींद आ गई और मुझे कुछ पता ही नहीं चला मैं जब उठा तो भाभी मेरे लिए चाय लेकर आई और कहने लगी देवर जी आप तो हमसे बात भी नहीं कर रहे, मैंने उन्हें कहा भाभी मैं बहुत ज्यादा थक गया था क्योंकि रात को मुझे ट्रेन में बिल्कुल भी नींद नहीं आई ट्रेन में एक परिवार था जिनके की छोटे बच्चे थे वह रात भर ट्रेन में रोते रहे जिसकी वजह से मुझे नींद ही नहीं आई और मैं सो भी नहीं पाया।
भाभी और मैं एक दूसरे से बात करने लगे भाभी कहने लगी चलो मैं अभी चलती हूं आप तब तक फ्रेश हो जाओ, मैं फ्रेश होकर कुछ देर अपने मोबाइल पर गेम खेलने लगा और मैंने साथ साथ चाय पी ली, मैं जब हॉल में गया तो मम्मी कहने लगी बेटा हम लोग सोच रहे थे कि ऊपर की मंजिल पर घर बना लिया जाए क्योंकि तुम्हारे पापा चाह रहे हैं कि हम लोग उपर भी घर बना ले।
मैंने मम्मी से कहा हां तो आप लोग काम शुरू करवा दो इसमें कौन सी कोई दिक्कत की बात है, मम्मी कहने लगी लेकिन पैसे भी तो चाहिए पापा के पास तो इतने पैसे नहीं हैं, मैंने उन्हें कहा मेरे अकाउंट में कुछ पैसे हैं मैं पापा को वह दे देता हूं और आप लोग इसी बीच में काम शुरू करवा दो।
पापा ने अगले दिन से काम शुरू करवा दिया, घर का भी काम लगा हुआ था जिस वजह से घर में काफी गंदगी होने लगी थी लेकिन मुझे यह संतुष्टि थी कि कम से कम घर का काम शुरू हो चुका है क्योंकि परिवार भी अब बढ़ने लगा था लेकिन इस बीच ऐसी बात हुई जिससे कि मुझे बहुत बुरा लगा।
मैंने देखा एक दिन भाभी किसी से फोन पर बात कर रही है और वह बहुत देर से फोन पर बात कर रही है क्योंकि भैया तो घर पर होते नहीं है इस वजह से उन्हें फोन पर बात करने का मौका मिल जाता है मैंने जब सुना कि वह किसी व्यक्ति से बात कर रही थी तो मुझे बहुत बुरा लगा मैंने इस बारे में भाभी से बात करने की सोची और उनसे मैंने इस बारे में बात की तो वह कहने लगी देवर जी ऐसी कोई भी बात नहीं है आप शायद गलत समझ रहे हैं।
मैंने भाभी से कहा देखिए भाभी भैया आपसे बहुत प्यार करते हैं और इन सब चीजों की वजह से रिलेशन में दरार पैदा हो जाती है यह सब आपको बिल्कुल भी शोभा नहीं देता, वह कहने लगी यदि आपको ऐसा लगा हो तो मैं उसके लिए आपसे माफी मांगती हूं क्योंकि वह मेरी बड़ी इज़्ज़त करती हैं और मैं भी उनकी बहुत इज्जत करता हूं।
मैं अपनी जगह बिल्कुल सही था वह किसी और पुरुष से बात कर रही थी लेकिन मेरे समझाने से शायद उन पर थोड़ा फर्क पड़ गया जिससे कि वह फोन पर अब किसी से भी बात नहीं करती। एक दिन वह मुझे कहने लगे देवर जी हम लोग कहीं घूमने का प्लान बनाते हैं तुम्हारे भैया तो कहीं घुमाने के लिए भी हमें लेकर नहीं जाते, मैंने कहा चलो फिर आज ही हम लोग घूमने का प्लान बनाते हैं भैया जैसे ही ऑफिस से आते हैं तो हम सब लोग आज बाहर ही जाकर डिनर कर आते हैं।
भैया जैसे ही ऑफिस से आए तो मैंने भैया से कहा कि आप जल्दी से फ्रेश हो जाइए हम लोग आज साथ में घूमने के लिए बाहर जा रहे हैं, भैया कहने लगे आज मैं बहुत थका हूं, मैंने भैया से कहा लेकिन आप को चलना ही होगा मेरी जिद करने पर वह मेरे साथ आने को तैयार हो गए पापा मम्मी तो पहले से ही तैयार हो चुके थे और मेरी बहन भी अपने रूम में तैयार हो रही थी।
भैया भी फ्रेश होने के लिए अपने कमरे में चले गए, सब लोग तैयार हो चुके थे पापा अपनी कार को बहुत कम ही बाहर निकालते हैं। मैंने उस दिन कार स्टार्ट की तो कार स्टार्ट ही नहीं हो रही थी मैंने पापा से कहा कि आप कार लेकर नहीं जाते, वह कहने लगे बेटा मुझे कहां समय मिलता है तुम्हें तो पता ही है कि ज्यादातर समय मैं घर पर ही रहता हूं।
काफी समय बाद कार स्टार्ट हुई तो पापा कहने लगे चलो तुमने कार स्टार्ट कर ही दी सब लोग कार में बैठ गए और हम लोगो ने उस दिन साथ में डिनर किया, उस दिन सबके चेहरे पर खुशी थी मैं भी काफी समय बाद अपने परिवार के साथ इतना अच्छा समय बिता पा रहा था जिसकी वजह से मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था।
उस दिन सब लोगों को एक साथ में समय बिताने का अच्छा मौका मिल गया और हम लोग वहां से घर लौट आए, मैं अपने मम्मी पापा के साथ कुछ देर बैठा रहा क्योंकि मुझे तो अपने ऑफिस जाना नहीं था भैया और भाभी सोने के लिए चले गए मेरी छोटी बहन भी अपने रूम में सोने के लिए चली गई।
पापा मम्मी और मैं बैठ कर बात करते रहे मैंने पापा से पूछा कि आपने कुछ पैसे मामा जी को भी दिए थे क्या मामा जी ने पैसे लौटा दिए हैं? वह कहने लगे हां उनसे मैंने कुछ दिनों पहले ही पैसे ले लिए थे क्योंकि घर का काम भी करवाना था इस वजह से मैंने उनसे पैसे ले लिए थे, उसके बाद मुझे भी बहुत नींद आने लगी और मैंने पापा से कहा कि मैं भी सोने जा रहा हूं।
मैं अपने रूम में सोने के लिए चला गया। मैं देखा कि कोई रात को भैया के रूम के अंदर चला गया। मैं जब रूम के अंदर गया तो मैंने देखा भाभी किसी व्यक्ति के साथ नग्न अवस्था में थी और भैया बहुत गहरी नींद में थे। मैं इस बात से पूरी तरीके से चौक गया मैंने उस व्यक्ति के सर पर एक जोरदार प्रहार किया जिससे कि वह बेहोश हो गया।
मैंने भाभी से कहा अच्छा तो आप यह गुल खिला रही हैं। वह मेरे पास आकर मुझसे चिपक गई और मुझे कहने लगी यह व्यक्ति मेरे साथ जबरदस्ती कर रहा था। मैंने भाभी से कहा देखो भाभी कोई किसी के साथ जबरदस्ती नहीं करता आपको शायद कुछ ज्यादा ही सेक्स की भूख है आपने ही इस व्यक्ति को घर पर बुलाया था।
भाभी मेरे पैर पकड़कर रोने लगी उन्होंने जब मेरे लंड को मेरे पजामे से बाहर निकाला तो वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेने लगी। मैं समझ गया भाभी बहुत बड़ी जुगाड़ है उन्होंने मेरे लंड को अपने गले तक लेकर सकिंग करना शुरू कर दिया और अपने मुंह में लेने लगी। उन्होने अपनी चूतडो को मेरी तरफ कर लिया वह कहने लगी आप मेरी चूत मार लो।
मैंने अपने लंड को भाभी की चूत के अंदर डाल दिया मेरा लंड चूत में घुसा तो वह चिल्लाने लगी। मैंने उनकी चूत के अंदर लंड को डाल दिया था जिससे कि उन्हें बहुत दर्द होने लगा, वह भी अपनी चूतडो को मुझसे मिलाने लगी मैंने कहा भाभी आप तो बड़ी जुगाड़ हो।
वह मुझे कहने लगी तुम्हें क्या बताऊं तुम्हारे भैया के अंदर को बिल्कुल भी दम नहीं है यदि मैं यह बात किसी को बताती तो शायद कोई भी मुझ पर यकीन नहीं करता इसीलिए मुझे बाहर वाले से अपनी सेक्स की भूख मिटाना पड रही थी।
मैंने उनकी चूत बहुत देर तक मारी उन्होंने मुझे कहा आप मेरी गांड भी मार लीजिए। मैंने अपने लंड को हिलाते हुए उनकी गांड के अंदर लंड को प्रवेश करवा दिया। जैसे ही मेरा लंड घुसा तो मुझे बहुत मजा आ रहा था वह बड़ी तेजी से सिसकिया लेनी लगी वह अपनी गांड को मुझसे बड़े अच्छे से मिला रही थी।
जब वह व्यक्ति होश में आ गया तो मैंने उसे कहा आज के बाद तुम यहां कभी देखना भी मत यदि आज के बाद तुम यहां कभी दिखे तो मैं तुम्हें पुलिस स्टेशन में बंद करवा दूंगा। वह व्यक्ति चुपचाप वहां से निकल लिया मैं भी अपने कमरे में जाकर सो गया मुझे बहुत ज्यादा गहरी नींद आ गई थी।
जब मैं सुबह उठी तो मैंने देखा भाभी मेरे कमरे में चाय लेकर आई हुई है वह मुझे देखकर मुस्कुरा रही हैं। मैंने जब उनकी गांड की तरफ देखा तो वह अपनी गांड को मटका रही थी। मैंने उन्हें अपने पास बुलाया और सुबह-सुबह उनकी गांड मारकर मैंने उन्हें गुड मॉर्निंग कहा।