मैं अपने दोस्त के घर पर उससे मिलने के लिए गया हुआ था जब मैं उससे मिलने के लिए उसके घर पर गया तो मैं उससे मिलकर वापस अपने घर लौट रहा था तभी रास्ते में मुझे एक लड़की दिखी और उसकी सुंदरता पर मैं इतना ज्यादा प्रभावित हुआ कि मैंने अपने दोस्त राजेश को इस बारे में बताया।
राजेश कहने लगा कि तुम्हारे पास उस लड़की की तस्वीर भी तो नहीं है और तुमने उसे कहां देखा था तो मैंने राजेश को बताया कि मैं जब तुम्हारे घर से बाहर निकल रहा था तो उस वक्त मैंने उसे देखा था।
अब राजेश भी उसे कहां पहचान पाता मेरे लिए तो वह एक सुंदरता की मूर्ति थी और मैं उसे देख कर बहुत खुश था लेकिन काफी समय बीत गया वह मुझे दिखी ही नहीं। एक दिन संयोग से वह मुझे दिख गई जब मैंने उसे देखा तो उस वक्त मेरे साथ राजेश भी था मैंने राजेश को कहा देखो राजेश यही वह लड़की है तो राजेश ने मुझे कहा कि इसका नाम तो आशा है और यह हमारी ही कॉलोनी में रहती है।
मैं इस बात से खुश हो गया कि कम से कम मुझे उस लड़की का नाम तो पता चला जिसे मैं पसंद करता हूं अब आगे मैंने उससे बात करने के बारे में सोचा लेकिन मैं उससे बात किस प्रकार से करता यह मेरे लिए सबसे बड़ी मुश्किल थी।
मैंने उसे फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जब मैंने उसे फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी तो उसने कुछ दिनों बाद मेरी फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली। धीरे-धीरे हम दोनों फेसबुक पर एक दूसरे से बातें करने लगे और हम दोनों की बातें बढ़ती ही जा रही थी मुझे उससे बात करना अच्छा लग रहा था।
हम दोनों ने एक दिन मिलने का फैसला किया जब पहली बार हम दोनों एक दूसरे को मिले तो मुझे आशा से मिलकर बड़ा अच्छा लगा। जब मैं आशा से पहली बार मिला तो मुझे उसके बारे में काफी कुछ चीजें जानने को मिली आशा ने मुझे अपनी मां के बारे में बताया और कहने लगी कि उसकी मां ने किस प्रकार से उन्हें पाला है।
उसके पिताजी उन्हें काफी वर्ष पहले ही छोड़ कर जा चुके थे उसकी मां की मेहनत है कि वह लोग अब अपने पैरों पर खड़े हैं आशा एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करती है। आशा चाहती थी कि जिस से भी वह शादी करे जिसके साथ भी वह जीवन बिताएं वह उसके पिताजी की तरह बिल्कुल भी ना हो इसीलिए शायद आशा ने आज तक लड़कों से बहुत कम बात की।
आशा ने मुझे जब यह बात बताई तो मुझे थोड़ा हैरानी भी हुई आशा ने मुझे कहा कि इसी वजह से मैंने आज तक किसी भी लड़के से बात नहीं की और ना ही मेरा कोई दोस्त रहा। मैं आशा को कभी भी धोखा नहीं देना चाहता था मैं चाहता था कि आशा के साथ मैं अपना जीवन बिताऊं।
आशा को मैं अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करना कर चुका था आशा को मैंने अपने मम्मी पापा से मिलवाया तो वह लोग भी आशा से मिलकर खुश हुए और उन्होंने आशा को देख कर कहा कि तुम आशा से शादी कर लो। किसी को भी इस बात से कोई आपत्ति नहीं थी सब लोग मेरी बात से सहमत थे मुझे भी इस बात की खुशी थी कि कम से कम मैं आशा के साथ अब शादी तो कर पाऊंगा।
मैंने सोचा भी नहीं था कि यह सब इतनी जल्दी हो जाएगा और यह सब बड़ी जल्दी में हुआ मेरी शादी अब आशा से होने वाली थी मैं इस बात से बड़ा खुश था।
हम लोगों ने सगाई की और उसके थोड़े समय बाद हम लोगों की शादी हो गई जब हम लोगों की शादी हुई तो उस वक्त हम लोगों ने अपने दोस्तों को भी बुलाया था लेकिन आशा चाहती थी कि वह अपने मुकाम को हासिल करें इसलिए आशा ने एक विदेशी कंपनी में इंटरव्यू दिया और उसका सिलेक्शन हो गया।
अब आशा मुझसे दूर जा चुकी थी आशा जॉब करने के लिए इंग्लैंड जा चुकी थी और मैं अभी भी अपनी उसी पुरानी कंपनी में जॉब कर रहा था। हालांकि मैंने आशा को मना किया था कि तुम अब जॉब मत करो परंतु उसके बाद भी आशा ने मेरी बात नहीं मानी उसने मुझे कहा कि मुझे जॉब करनी है।
आशा अपनी जॉब में ही बिजी रही और मैं भी अब अपने जीवन में आकर बढ़ चुका था हम दोनों एक दूसरे से अलग थे और हम लोगों की फोन पर भी अब कम बात हुआ करती थी। हालांकि आशा मेरी पत्नी बन चुकी थी और सब कुछ ठीक था परंतु मुझे कहीं ना कहीं यह चीज हमेशा महसूस होती की आशा मुझसे दूर है इस बात का मुझे हमेशा दुख भी था की शादी करने के कुछ समय बाद ही आशा विदेश चली गई।
आशा ने भी अपने सपनों को पंख लगाने के बारे में सोचा था इसीलिए तो उसने विदेशी कंपनी में इंटरव्यू दिया और वहां पर उसका सलेक्शन हो गया आशा भी अब आगे बढ़ चुकी थी।
मैंने एक दिन आशा से फोन पर बात की और उसे कहा कि क्या तुम कुछ समय के लिए घर आ सकती हो तो आशा कहने लगी कि सुजीत मैं कोशिश करूंगी। मैंने आशा को कहा देखो आशा मुझे तुमसे मिलना है आशा मुझसे कहती है कि मैं तुमसे मिलने के लिए थोड़े समय बाद आ जाऊंगी।
आशा ने कुछ समय बाद अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली और वह मुझसे मिलने के लिए अब आने वाली थी मैं इस बात से खुश था कि कम से कम इतने समय बाद आशा से मेरी मुलाकात तो हो पाएगी। मैंने आशा को कहा कि ठीक है आशा तुम मुझसे मिलने के लिए आ जाओ आशा कुछ दिनों बाद मुझसे मिलने के लिए आ गई।
जब आशा मुझसे मिलने के लिए आई तो मुझे बहुत ही खुशी हुई कि इतने समय बाद आशा से मैं मिल रहा था। आशा घर पर आई तो मम्मी भी आशा से मिलकर बहुत खुश थी कितने समय बाद हम लोगों की मुलाकात हो रही थी तो उस दिन हम दोनों साथ में शॉपिंग करने के लिए गए।
काफी समय बाद हम लोग साथ में कहीं शॉपिंग करने के लिए जा रहे थे जब इतने समय बाद हम लोग साथ में शॉपिंग करने के लिए गए तो मुझे बड़ी खुशी हुई और मैंने आशा को कहा आशा मुझे हमेशा तुम्हारी बहुत याद आती है मुझे लगता है कि तुम्हें अपनी जॉब छोड़ देनी चाहिए और हम लोगों को साथ में समय बिताना चाहिए।
आशा मुझे कहने लगी की सुजीत तुम तो जानते ही हो ना कि मैंने अपनी जिंदगी में क्या सपने देखे थे और मैं चाहती हूं कि मैं अपने सपनों को पूरा करुं। मैंने आशा को कहा कि आशा मैं तुम्हारे लिए जरूरी नहीं हूं क्या, आशा मुझे कहने लगी की सुजीत तुम मेरे लिए बहुत जरूरी हो लेकिन तुम जानते हो ना कि यदि मैं अपने जीवन में कुछ अच्छा कर पाऊंगी तो उससे हम दोनों को ही आगे चलकर फायदा होगा।
मैंने भी सोचा कि जब तक आशा घर पर है तब तक हम दोनों साथ में अच्छा समय बिता ले इसलिए मैं आशा के साथ एक अच्छा समय बिताने के लिए तैयार था और आशा भी बहुत खुश थी। उस दिन हम दोनों जब शाम को घर लौटे तो हम दोनों अपने रूम में बैठकर बात कर रहे थे।
आशा और मै रुम में लेटे हुए थे मेरा मन आशा के साथ सेक्स करने का होने लगा क्योंकि काफी समय हो चुका था जब हम लोगों ने सेक्स नहीं किया था। मैंने आशा को अपनी बाहों में ले लिया आशा कहने लगी लगता है आज तुम कुछ ज्यादा ही मूड में हो मैने आशा को कहा इतने समय से तुम मुझे तड़पा भी तो रही हो? आशा मुझे कहने लगी चलो आज फिर कुछ करते हैं मैंने भी आशा को कहा कि तुम अपने कपड़े उतार दो?
आशा ने अपने कपड़े उतारे कितने समय बाद आशा के गोरे बदन को देख कर मेरा लंड तन कर खड़ा हो चुका था मेरा लंड आशा की चूत में जाने के लिए तैयार था आशा ने मेरे लंड को हिलाया और चूसने लगी।
मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा था जिस प्रकार से आशा मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी उसने बहुत देर तक मेरे लंड का रसपान किया उसने मुझे पूरी तरीके से उत्तेजित कर दिया मैंने आशा को कहा तुम मेरे वीर्य को अपने मुंह के अंदर ले लो। आशा ने मेरे वीर्य को अपने मुंह के अंदर ही समा लिया आशा मुझे कहने लगी आज मुझे बड़ा मजा आ रहा है मैंने आशा की चूत को बहुत देर तक चाटा और उसके स्तनों का भी रसपान किया।
आशा की चूत से पानी बाहर की तरफ को निकल रहा था वह मुझे कहने लगी आज तुम मुझे वैसे ही चोदना जैसे शादी की पहली रात को हम लोगों ने सेक्स किया था? मैंने भी अपने लंड पर तेल की मालिश की और आशा की चूत मे लंड घुसाते हुए अंदर की तरफ धकेलना शुरू किया मेरा लंड आशा की चूत के अंदर जा चुका था जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत के अंदर प्रवेश हुआ तो वह चिल्लाने लगी।
वह मुझे कहने लगी मुझे बड़ा दर्द हो रहा है मैंने आशा के दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखकर तेजी से धक्के मारने लगा। आशा को मजा आ रहा था उसने मुझे कहा ऐसे ही तुम मुझे चोदते रहो मैं जिस प्रकार से आशा को चोद रहा था उससे वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी।
वह मुझे कहने लगी मुझे बड़ा मजा आ रहा है मैंने आशा की चूत से खून बाहर निकाल दिया था मैंने अब अपने लंड को आशा की चूत के अंदर बाहर करना शुरू किया जिससे की आशा की चूत से पानी बाहर निकलने लगा था उसने मुझे कस कर अपने दोनों पैरों के बीच में जकड लिया।
मैंने भी उसे बड़ी तेजी से धक्के मारे लेकिन थोड़ी ही देर बाद मेरा वीर्य पतन आशा की चूत के अंदर हो गया मेरा वीर्य पतन जैसे ही आशा की चूत के अंदर हुआ वह मुझे कहने लगी आज तो तुमने पसीने निकाल दिया।
मैंने उसे कहा अभी मेरा मन भरा नहीं है मैंने अपने लंड पर तेल लगाकर आशा की गांड के अंदर घुसाया मेरा लंड उसकी गांड के अंदर चला गया था वह चिल्लाने लगी और मुझे कहने लगी मुझे बड़ा मजा आ गया।
मैंने आशा की बड़ी गांड को कस कर पकड़ा और तेज गति से उसे धक्के मारने शुरू कर दिए जितनी तेज़ गति से मै उसे धक्के मारता उतने ही तेज गति से वह अपनी चूतड़ों को मुझसे टकरा रही थी और मुझे पूरी तरीके से वह संतुष्ट करने की कोशिश करती। मैंने आशा की गांड के मजे बहुत देर तक लिए आशा की गांड मैंने पहली बार ही मारी थी लेकिन उसे अपनी गांड मरवाने में बड़ा मजा आया।
मेरा लंड पूरी तरीके से छिलकर बेहाल हो चुका था मैंने अपने लंड को तेजी से अंदर बाहर किया वह कहने लगी आज तो तुमने अपनी पूरी ताकत दिखाई और मुझे खुश कर दिया। मैंने आशा को कहा तुम यहीं रुक जाओ ना आशा अपने सपने को पूरा करना चाहती थी इसलिए वह दोबारा विदेश चली गई।